नौकरशाहों की खैर नहीं, 1956 अधिकारियों पर कसा शिकंजा.

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सिटी पोस्ट लाइव :नौकरशाह लोगों की नहीं सुनते, ऐसे आरोप अक्सर लगते रहते हैं लेकिन जनता कुछ नहीं कर पाती.लेकिन बिहार सरकार के सामान्य प्राशासन विभाग का दावा है कि आम लोगों की नहीं सुननेवाले अधिकारियों के खिलाफ कारवाई हो रही है.सामान्य प्रशासन विभाग के एक आंकड़े के मुताबिक सरकार ने लोगों की शिकायत न सुनने के मामले में अब तक 1144 अफसरों पर जुर्माना लगाया है. इन अफसरों से करीब 24.46 लाख रुपये जुर्माने के तौर पर वसूले गए हैं. अब तक 812 लोकसेवकों अनुशासनिक कार्रवाई की जा चुकी है.

या लोगों की शिकायत नहीं सुनने और जनता के काम को न करने पर अफसरों की अब खैर नहीं. शिकायतों का निपटारा न करने वाले अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई भी की जा रही है. अब तक 812 लोकसेवकों अनुशासनिक कार्रवाई की जा चुकी है.लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत आए मामलों में अधिकारियों के परफार्मेंस का स्तर क्या है, इसकी मॉनिटरिंग एमआईएस रिपोर्टिंग के माध्यम से की जा रही है. इस सिस्टम को और अपग्रेड किया जा रहा है. अनुपस्थित रहने को अपनी आदत मे शुमार कर चुके अफसरों का डाटा सॉफ्टवेयर से निकालकर सीधे उनके जिलों को उपलब्ध कराया जाता है. ऐसे मामलों में संबंधित अधिकारी पर किस तरह की कार्रवाई हुई या नहीं, इसकी भी मॉनिटरिंग की जाती है.

सामान्य प्रशासन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, इस वर्ष के जनवरी के आखिरी हफ्ते तक 12 लाख 98 हजार 285 लोक शिकायत से जुड़े आवेदन पूरे बिहार में आए. इनमें से 12 लाख 63 हजार 304 आवेदनों को निष्पादन किया गया. साल 2015 में बिहार विधानमंडल द्वारा बिहार लोक शिकायत निवारण अधिनियम को पारित किया गया था. 5 जून, 2016 को इसे लागू कर दिया गया था. इसके तहत 44 विभागों की 514 से अधिक योजनाएं शामिल हैं.

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