अशोक चौधरी ने दिया मौका,भूमिहारों को रिझाने में जुटे तेजस्वी यादव.

 

सिटी पोस्ट लाइव:  बिहार में भूमिहार जाति को लेकर राजनीति तेज हो गयी है. भूमिहारों को लेकर अशोक चौधरी के विवादित बयान को लेकर बिहार में सियासी  उबाल आ गया है. अशोक चौधरी के बयान पर जेडीयू के अंदर ही 2 गुटों के बीच जुबानी जंग छिड़ गयी है. भूमिहारों को लेकर बयान को लेकर जेडीयू नेता नीरज कुमार ने अशोक चौधरी पर तीखा हमला बोला है. सही समय पर तेजस्वी यादव अचनाक से भूमिहारों के समर्थन में आकर खड़े हो गए हैं.तेजस्वी यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जदयू का चरित्र ही जातीय उन्माद फैलाने का हैं. उनके एक MP डंके की चोट पर कहते है कि कुशवाहा, मुसलमान और यादव का कोई काम नहीं करेंगे. इनके एक मंत्री कहते हैं कि भूमिहार ने वोट नहीं दिया और समाज को लेकर आपतिजनक बातें कही. लोकतंत्र में अगर कोई किसी को वोट नहीं देता तो क्या 19 वर्षों से सरकार में बैठे जदयू के नेता और उनके मुखिया उन जातियों का तिरस्कार करेंगे?

 

तेजस्वी यादव ने कहा कि सत्ता में बैठे लोग यह सकारात्मक चर्चा क्यों नहीं करते कि भूमिहार जाति के कितने लोग बेरोजगार हैं? दलित, पिछड़ा, अतिपिछड़ा, अल्पसंख्यक और सामान्य वर्ग में बेरोजगारी दर और साक्षरता दर क्या है? कैसे इन वर्गों की आर्थिक प्रगति और आर्थिक उत्थान होगा इस पर 19 वर्षों की NDA सरकार में बैठे लोग कोई विमर्श क्यों नहीं करते? तेजस्वी यादव के अचानक से भूमिहारों के पक्ष में खुलकर बोलने पर राजनीतिक गलियारे में एक और चर्चा तेज हो गयी है कि आखिर तेजस्वी यादव भूमिहारों पर इतने मेहरबान क्यों हैं?

 

दरअसल बीते कुछ महीनों के राजनीतिक घटनाक्रम पर नजर डालें तो भूमिहार समाज के लोगों में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव दोनों के प्रति नाराजगी देखी गयी है. लोकसभा चुनाव के दौरान जहानाबाद से जहां चंदेश्वर चंद्रवंशी का टिकट कटने से भूमिहार समाज के लोगों में नीतीश कुमार के प्रति नारजागी थी. तेजस्वी यादव के कुछ बयानों और पार्टी के अंदर भूमिहारों की हिस्सेदारी को लेकर भी भूमिहार समाज के लोग तेजस्वी यादव से नाराज थे. लेकिन, अशोक चौधरी के बयान के बाद तेजस्वी यादव खुलकर भूमिहारों के समर्थन में आ गए हैं. हालांकि बता दें, तेजस्वी यादवा के पिता आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद ही एक समय कहा करते थे कि भूरा बाल साफ करो. यानि लालू यादव पिछड़ों और यादव से अपील करते थे कि राजपूतों और भूमिहारों को राजनीति और सत्ता से दूर रखो.

 

गौरतलब है कि  नीतीश सरकार में मंत्री अशोक चौधरी ने जहानाबाद में जनता दल यूनाइटेड के क्षेत्रीय कार्यालय के उद्घाटन के दौरान भूमिहार जाति पर तीखा बयान देकर न सिर्फ विवाद खड़ा किया है, बल्कि बिहार की राजनीति में उबाल ला दिया है. उन्होंने कहा मैं भूमिहार जाति को अच्छे से जानता हूं जब लोकसभा चुनाव हुआ तो इस जाति के लोग नीतीश कुमार का साथ छोड़कर भाग गए. अशोक चौधरी ने आगे कहा कि अगर किसी उम्मीदवार ने किसी के दरवाजे पर दो-तीन बार दस्तक दी तो भी वह खराब माना जाता है, जबकि अगर वही उम्मीदवार भूमिहार जाति का हो और उसने यह काम कभी ना किया हो तो उसे अच्छा माना जाता है. अशोक चौधरी ने लोकसभा चुनाव में जनता दल युनाइटेड के उम्मीदवार चंदेश्वर चंद्रवंशी को भूमिहार समुदाय का समर्थन न मिलने के संदर्भ में बात कर रहे थे.

 

अशोक चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार ने भूमिहारों के गांव में सड़कें बनवाईं, लेकिन जब अति पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवार को टिकट दिया तो भूमिहारों ने समर्थन देने से हाथ खींच लिया. अशोक चौधरी ने लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी प्रत्याशी का विरोध करने वाले भूमिहार नेताओं को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जब पार्टी ने सिंबल दे दिया तो फिर विरोध किस बात का? मंत्री ने कहा कि आने वाले विधान सभा चुनाव में ऐसे लोगों को पार्टी अहमियत नहीं देगी जो लोकसभा चुनाव के दौरान दिल्ली और मुंबई घूम रहे थे. भड़ास निकालते हुए चौधरी ने कहा कि वे जहानाबाद को और भूमिहार को खूब जानते हैं, उनकी तो बेटी की शादी भी भूमिहार जाति में हुई है.

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