सिटी पोस्ट लाइव : सासाराम और बिहारशरीफ में जारी हिंसा को लेकर राजनीति तेज हो गई है.एआईएमआईएम ने सांप्रदायिक शक्तियों द्वारा मुसलमानों को निशाना बनाये जाने और बिहार की हुकूमत पर ईन शक्तियों को रोकने में नाकामा होने का आरोप लगाया है. एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमाम ने कहा कि लालू प्रसाद यादव की पार्टी और तेजस्वी यादव की पार्टी में बहुत अंतर आ गया है.एक तरफ सांप्रदायिक शक्तियां हैं ये समझ रही है कि मुसलमानों को निशाना बनाते हैं तो इससे हमारा वोट तय हो जाएगा और दूसरी तरफ गठबंधन के लोग सोचते हैं कि मुसलमान खौफ में आ जाएंगे और फिर उनकी झोली में आ जाएंगे. दोनों मुस्लिम माइनॉरिटी के साथ खेल, खेल रहे हैं.
अख्तरुल ईमान ने बीजेपी और महागठबंधन पर कुर्सी की लड़ाई लड़ने का आरोप लगाते हुए कहा कि हमारी लड़ाई न्याय की लड़ाई है. मुस्लिम कमजोर आबादी है, इसलिए इस पर हमले हो रहे हैं. सरकारी स्कीम से भी मुस्लिमों को वंचित रखा जा रहा है. उनके बच्चों को नौकरियों नहीं मिल रही हैं. फिरकापरस्त पार्टियां उन्हें निशाना भी बना रही हैं. मस्जिदों को जलाया गया. मस्जिद की मीनारें तोड़ी गई. उस पर झंडे लगाए गए। रूट बदला गया. दुकानें लूटी गईं. एकतरफा तौर पर मुसलमानों की दुकानें लूटी गईं। इसका क्या मतलब है?
अख्तरुल इमाम ने कहा कि नीतीश कुमार का करप्शन और कम्युनलिज्म से समझौता नहीं करने का दावा गलत साबित हो रहा है.अबतक दंगाइयों की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई? डीएम और एसपी पर अब तक क्यों नहीं कार्रवाई हुई? जो लोग जख्मी होकर पड़े हुए हैं उनके इलाज की सरकार ने व्यवस्था क्यों नहीं की ? सरकार सिर्फ ढकोसला करती है.उन्होंने कहा कि जब बिहारशरीफ में इसी तरह का तनाव हुआ था तब उसमें लालू प्रसाद यादव वहां चले गए थे. लेकिन आज नालंदा जल रहा है और बिहार शरीफ का मामला है और तेजस्वी यादव ने ट्वीट तक नहीं किया. पूरे भारत के लोग जैसे तेजस्वी यादव को जगा रहे हैं लेकिन वे जाग नहीं रहे हैं. बाप और बेटे में बहुत बड़ा फर्क है.
एआईएमआईएम का आरोप है कि लालू जी की राजद कुछ और थी तेजस्वी यादव की राजद कुछ और है. लालू प्रसाद माई समीकरण कहते थे लेकिन तेजस्वी यादव ए टू जेड की राजनीति पर चलते हैं. उनको लगता है कि मुसलमान इससे अलग भी हो जाएं तो बाकी तो हमारे पास हैं ही.उन्होंने कहा कि सबसे पहले तो उन लोगों की गिरफ्तारी होनी चाहिए जिन लोगों ने मस्जिद तोड़ी . उन्हें सजा मिलनी चाहिए जिन लोगों ने दुकानें तोड़ी हैं और लूटपाट किया है.दुकानदारों को मुआवजा और घायलों का सरकारी खर्चे पर इलाज होना चाहिए.