बिहार में AIMIM बनेगा महागठबंधन के लिए बड़ी चुनौती.

सिटी पोस्ट लाइव : पिछले विधान सभा चुनाव में सिमांचल में मिली अभूतपूर्व सफलता से AIMIM सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी इसबार लोक सभा और विध्न सभा चुनाव और कुछ बड़ा खेला करने की तैयारी में हैं.AIMIM प्रमुख ओवैसी ने कहा है कि उनकी पार्टी मुस्लिम बहुल सीमांचल क्षेत्र से 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ेगी. पार्टी की नजर मुंगेर, भागलपुर, कटिहार, बेगूसराय और चंपारण सीट पर है, ओवैसी का ये दांव महागठबंधन के लिए चिंता का सबब हो सकता है.दूसरी तरफ बीजेपी को बड़ा फायदा हो सकता है.

बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए ने 2019 के लोकसभा चुनावों में राज्य की कुल 40 सीटों में से 39 सीटों पर जीत हासिल की थी. उस समय बीजेपी के साथ नीतीश कुमार भी थे.अभी जेडीयू, आरजेडी के नेतृत्व वाले महागठबंधन संग मिलकर सरकार चला रही है.इसलिए चुनौती बीजेपी की भी बढ़ी  हुई है.लेकिन इस बीच एआईएमआईएम ने बिहार में रणनीतिक तैयारी तेज कर महागठबंधन के नेताओं खासतौर पर नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की नींद उड़ा दी है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान ने कहा कि राज्य में अगला लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू हो गई है.

सीमांचल क्षेत्र में चार लोकसभा और 24 विधानसभा सीटें शामिल हैं. लेकिन एआईएमआईएम ने 2020 बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों और हाल ही में गोपालगंज और कुढ़नी की दो विधानसभा सीटों के उपचुनावों में अपने प्रभावशाली प्रदर्शन के बाद ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला लिया है.पार्टी खुद को केवल सीमांचल के क्षेत्र तक सीमित नहीं रखकर पुरे बिहार के मुस्लिम बहुल ईलाकों में अपना विस्तार करना चाहती है.अख्तरुल इमान ने कहा कि अभी, हम कार्यकर्ताओं की समर्पित टीमों की भर्ती करके पार्टी के आधार बढ़ाने में व्यस्त हैं. हम मुंगेर, भागलपुर, कटिहार, बेगूसराय, गया और पूर्वी-पश्चिमी चंपारण दोनों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.

AIMIM ‘चयनित’ सीटों पर उम्मीदवार खड़ा करेगी. इन सभी क्षेत्रों में मुसलमानों की उपस्थिति अहम है. ऐसे में अगर उसके कैंडिडेट्स थोडा बहुत मुस्लिम वोट लेने में कामयाब होते हैं तो यह महागठबंधन के सहयोगियों के लिए जोर का झटका हो सकता है.एआईएमआईएम ने कितनी सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना बनाई है, इसका खुलासा करने से इनकार करते हुए अख्तरुल इमान ने कहा कि अभी उनका मुख्य ध्यान संगठनात्मक ढांचे का निर्माण करना और टीमों को तैयार करना है. हमारे उम्मीदवार किसी भी समुदाय से हो सकते हैं. केवल एक चीज की हमें आवश्यकता है कि उनमें क्षमता होनी चाहिए.

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