किसी खेमे में बिहार की 4 पार्टियों को नहीं मिली जगह.

वीआईपी, जाप, एआईएमआईएम, बसपा के पास 4.34% वोट, किसी गठबंधन में नहीं मिली जगह.

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में महागठबंधन और एनडीए का स्वरूप तय हो गया है. कौन दल किसके साथ है तस्वीर साफ़ है. ऐसे में बिहार के  4 दल गठबंधन से बाहर हो चुके हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में इनको 4.34% वोट मिले थे. लोकसभा चुनाव को लेकर जो मोर्चाबंदी हो रही है, 2019 के अंकगणित के आईने में इसे देखें तो ‘इंडिया’ में शामिल दलों के पास 48.26% व एनडीए के सहयोगियों के पास 38.13% वोट है. 2019 और आज के बीच फर्क यह है कि तब एनडीए का प्रमुख सहयोगी जदयू उससे अलग हो चुका है.

 

बिहार में चुनाव लड़ने वाली 4 पार्टियां इस खेमेबंदी से बाहर हैं.पप्पू यादव की जाप, मुकेश सहनी की वीआईपी और एआईएमआईएम और मायावती की बीएसपी, पप्पू, महागठबंधन का हिस्सा बनना चाहते हैं. एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने थर्ड फ्रंट बनाने की बात कही है. पार्टी ने पिछले चुनाव में उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी व बसपा के साथ तालमेल किया था. बसपा अभी किसी के साथ नहीं है. विधानसभा चुनाव में जीते एआईएमआईएम के 5 में से 4 विधायक राजद में शामिल हो चुके हैं.

 

लोजपा का दोनों गुट बेशक एनडीए के साथ हैं, लेकिन दोनों गुटों के सुप्रीमो, जो रिश्ते में चाचा-भतीजा हैं, उनकी लड़ाई एनडीए की बड़ी परेशानी है. चाचा, पशुपति कुमार पारस रालोजपा के अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री हैं. भतीजा, चिराग पासवान के जिम्मे लोजपा (रामिवलास) की कमान है. दोनों, हाजीपुर लोकसभा सीट का लेकर आपस में बुरी तरह भिड़े हुए हैं. हाजीपुर से रामविलास पासवान जीतते रहे. पिछली बार यहां से उनके भाई पशुपति पारस जीते.। चिराग जमुई से जीते. देखने वाली बात होगी कि हाजीपुर की इस लड़ाई को भाजपा कैसे सुलझाती है?

THIRD FRONT IN BIHAR