मौसम में बदलाव से लीची की फसल को बड़ा लाभ.

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सिटी पोस्ट लाइव : पिछले एक सप्ताह से राज्य के मौसम में बदलाव आया हुआ है.आसमान में बादल छाये हुये हैं और कभी कभार बारिश भी हो रही है.लोगों को भीषण गर्मी से राहत तो मिली ही है साथ ही लीची की फसल को बहुत फायदा हुआ है.लीची किसानों के चेहरे खिल गये हैं.किसानों के अनुसार आसमान पर छाए बादल और हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश से तेज धूप और चढ़ते तापमान से झुलस रही लीची को संजीवनी मिल गई है. मुजफ्फरपुर के लीची किसानों का मानना है कि बढ़ते तापमान और गर्म हवा से पेड़ में लगे लीची के फल फट रहे थे. अब तापमान में गिरावट के चलते लाल रंग ले रही लीची के फलों के फटने का खतरा कम हो गया है.

 

लीची किसानों ने कहा कि जो फल पहले लगे हैं और जो फट गए हैं, वे तो नहीं सुधरेंगे. लेकिन अब नए फलों के फटने की संभावना नहीं है. ऐसे में किसान लीची की अधिक फसल को लेकर आशान्वित हैं. अखिल भारतीय फल अनुसंधान परियोजना के प्रधान अन्वेषक और डॉ. राजेंद्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा के सह निदेशक अनुसंधान डॉ. एस.के. सिंह के अनुसार लीची के लिए अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए. वहीं एक हफ्ते पहले इस इलाके का अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच गया था.

 

एस.के. सिंह ने कहा कि किसानों की शिकायत थी कि सिंचाई करने पर भी 24 घंटे बाद ही नमी खत्म हो जा रही थी. जिससे लीची के फल का विकास रुक गया था. उन्होंने बताया कि तापमान अधिक होने के कारण फलों में गुदा कम होता है जबकि गुठली का आकार बड़ा हो जाएगा. तापमान में आई गिरावट और बारिश से फलों को काफी लाभ होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि पेड़ की जड़ों तक भी नमी पहुंच गई है. इधर, मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले एक सप्ताह तक आसमान में हल्के बादल छाए रहेंगे और मौसम सुहावना बना रहेगा. ऐसे में अधिकतम तापमान में बहुत ज्यादा वृद्धि की उम्मीद नहीं है जिससे लीची की फसल को फायदा मिलेगा.

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