आज पेश होगा बजट, टैक्सपेयर्स पर राहतों की बारिश!

City Post Live

 

सिटी पोस्ट लाइव : संसद का सत्र आज 22 जुलाई से शुरू हो चुका है. आज संसद में आर्थिक समीक्षा 2023-24 को पेश किया गया. आज  नए सत्र के दूसरे दिन यानी 23 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करने वाली हैं. इससे पहले लोक सभा चुनाव के चलते फरवरी में अंतरिम बजट पेश किया गया था, जिसमें सरकार ने कोई बड़ा ऐलान नहीं किया था. अब जुलाई में वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट आ रहा है, जिसमें बड़े बदलावों की शुरुआत की उम्मीद की जा रही है. इनकम टैक्स के मोर्चे पर जो भी बदलाव होंगे, उनके बारे में माना जा रहा है कि वे नई कर व्यवस्था के तहत ही होंगे.

 

इस बजट में  टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत मिल सकती है.इस  पूर्ण बजट से उम्मीद की जा रही है कि उसमें करदाताओं के लिए कई राहतों का ऐलान हो सकता है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इससे पहले वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में टैक्स से जुड़े जिन बदलावों का ऐलान किया था, वे सारे बदलाव नई कर व्यवस्था में किए गए थे. सबसे पहले तो नई व्यवस्था को डिफॉल्ट टैक्स रिजिम बनाने का ऐलान हुआ था, जो इस टैक्सफाइलिंग सीजन से लागू हो चुका है. इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग पोर्टल पर खुद ही न्यू टैक्स रिजीम में फाइलिंग करने का विकल्प मिल रहा है. जो टैक्सपेयर ओल्ड टैक्स रिजीम चुनना चाहते हैं, उन्हें अलग से डिक्लेरेशन देने की जरूरत पड़ रही है.

 

वित्त मंत्री ने पिछले साल बजट में नई कर व्यवस्था रिबेट को 5 लाख से बढ़ाकर 7 लाख रुपये करने का प्रस्ताव किया था. यानी नई टैक्स व्यवस्था में अब 7 लाख रुपये सालाना तक कमाने वाले टैक्सपेयर्स के ऊपर इनकम टैक्स की देनदारी नहीं बनती है. उसके साथ ही इनकम टैक्स स्लैब में भी बदलाव किए गए थे. टैक्स स्लैब की संख्या घटाकर 5 की गई थी. रिवाइज्ड स्लैब के बाद अब नई टैक्स व्यवस्था में 0 से 3 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं है. वहीं 3 से 6 लाख रुपये तक की आय पर 5 फीसदी, 6 से 9 लाख रुपये तक की आय पर 10 फीसदी, 9 से 12 लाख रुपये तक की आय पर 15 फीसदी, 12 से 15 लाख रुपये तक की आय पर 20 फीसदी और 15 लाख रुपये से ऊपर की सालाना कमाई पर 30 फीसदी की दर से देनदारी बनती है.

 

इस साल के बजट में भी सरकार से इनकम टैक्स के स्लैब में बदलाव की उम्मीद की जा रही है.डिलॉयट के अनुसार, 30 फीसदी के टॉप स्लैब को घटाकर 25 फीसदी किया जा सकता है.टैक्सपेयर्स के लिए बजट के बाद टीडीएस कटौती (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) कम हो सकती है.वित्त मंत्री सैलरीड टैक्सपेयर्स के लिए 80सी के तहत मिलने वाली छूट का दायरा बढ़ा सकती हैं.स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाकर 60 हजार रुपये से 1 लाख रुपये तक किया जा सकता है.एनपीएस और एचआरए आदि पर डिडक्शंस का दायरा भी इस बार बढ़ सकता है.

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