सिटी पोस्ट लाइव :अमेरिका में जारी बैंकिंग संकट का असर दुसरे देशों के बैंकों पर भी पड़नेवाला है. दो हफ्ते में अमेरिका के तीन बड़े बैंक दिवालिया हो गए. सिलिकॉन वैली बैंक पर ताला लग गया. सिग्नेचर बैंक बिकने की कगार पर पहुंच गया है. फर्स्ट रिपब्लिक बैंक की हालात खस्ता हो चुकी है. अमेरिका के सिलिकॉन वैली बैंक से शुरू हुआ संकट अब तक तीन बैंकों को डुबा चुका है और ऐसे 186 बैंक कतार में खड़े हैं.
अमेरिका के सेंटल बैंक फेडरल रिजर्व ने आक्रामक रूप से ब्याज दरें बढ़ाई, जिसके बाद अमेरिकी बैंक की हालात खराब हो गई. सोशल साइंस रिसर्च नेटवर्क स्टडी ने मॉनिटरी टाइटनिंग एंड यूएस बैंक फ्रेजिलिटी इन 2023 की अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अमेरिका के 186 और बैंकों पर डूबने का खतरा मंडरा रहा है.आज रात फेडरल रिजर्व की अहम बैठक होने जा रही है. इस बैठक पर सिर्फ अमेरिका नहीं दुनियाभर के देशों की निगाहें है.
सबकी नजर इस बात पर है कि क्या फेड एक बार फिर से ब्याज दरों में बढ़ोतरी करता है या फिर ब्याज दरों में कोई कमी की जाती है. अगर ब्याज दरों में बढ़ोतरी की गई तो अमेरिका के बैंकों के लिए ये एटम बम से कम नहीं होगा. यहां के बैंकों में तबाही मच सकती है. दूसरी तरफ महंगाई पर काबू पाने की चुनौती है. अमेरिका में हाल में डूबने वाले बैंक सिलकॉन वैली और सिग्नेचर बैंक के दिवालिया होने के पीछे बड़ी वजह ब्याज दरों में बेतहाथा बढ़ोतरी को माना गया.