सरकारी जमीन पर कब्जे को लेकर सरकार गंभीर.

सरकार सख्त; खाली होगी कब्जे की जमीन, नहीं छोड़ी भूमि तो भरनी पड़ेगी जुर्माने में मोटी रकम.

सिटी पोस्ट लाइव : सरकारी जमीन पर कब्ज़ा को लेकर  बिहार सरकार  सख्त हो गई है. सरकार ने  सरकारी जमीन और परिसरों पर कब्जा करनेवालों के खिलाफ कड़ी कारवाई करने की तैयारी कर ली है. जो भी सरकारी जमीन कब्जे में है  उसे खाली कराने की तैयारी चल रही है.आवश्यकता पड़ने पर कब्जाधारी से जुर्माने के रूप में मोटी रकम भी वसूली जाएगी.

 

सरकार ने इस काम को प्राथमिकता में करने के लिए पहले के तमाम आदेशों का अधिक्रमण करते हुए भवन निर्माण विभाग के संयुक्त सचिव संजय कुमार को सक्षम प्राधिकार की शक्तियां सौंपी हैं.

भवन निर्माण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, हाल ही में सरकार के संज्ञान में यह बात आई कि पटना के नई राजधानी क्षेत्र में व्यापक पैमाने पर सरकारी जमीन पर कब्जा है. यह कब्जा निरंतर बढ़ता ही जा रहा है. बहुत जगह पर कब्जाधारियों ने सरकारी जमीन को किराये पर भी लगा दिया है.मामला संज्ञान में आने के बाद सरकार ने अब फैसला लिया है कि पटना के नई राजधानी क्षेत्र को चार अलग-अलग भागों में बांटकर सरकारी परिसर और जमीन को कब्जे से मुक्त कराया जाएगा.

 

इस काम को करने के लिए बिहार सरकार परिसर (आवंटन, किराया, वसूली और बेदखली) अधिनियम, 1956 के तहत प्राप्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए पहले जारी आदेशों का अधिक्रमण कर सरकार ने सरकारी परिसर को कब्जे से मुक्त कराने के लिए भवन निर्माण विभाग के संयुक्त सचिव संजय कुमार सिंह को प्राधिकार की शक्तियां सौंपी है.शक्तियां मिलने के बाद प्राधिकार प्रमुख संबंधित क्षेत्रों का मुआयना करेंगे और सरकारी परिसर, जमीन, मकान को कैसे कब्जा से मुक्त कराना है, इसकी रणनीति बनाएंगे। साथ ही संबंधित परिसर को मुक्त कराएंगे.

 

उत्तर में – शेखपुरा, शेनुल्लाहपुर, ढकनपुरा, महुली, दुजरा, दुजरा दियारा, राजापुर और हसनपुर, दक्षिण में- रेलवे लाइन, यारपुर, ढक्कनपुरा और धीराचक, पूर्व में- बाकरगंज नाला नदी के किनारे से दलदली बाजार के पास सरकारी जमीन तक.पूर्वी हिस्से में मोहरमपुर, बांकीपुर मुख्य न्यायाधीश का परिसर, फ्रेजर रोड और पटना जंक्शन स्टेशन। पश्चिम में – साधनपोर गांव, समनपुरा और शेखपुरा तक की कब्जे वाली जमीन को मुक्त कराया जाएगा.