सॉल्वर गैंग के बड़े खेल का हुआ खुलासा.

र लॉज के एक कमरे से वॉकी-टॉकी, बॉडी स्कैनर, ब्लूटूथ डिवाइस, मोबाइल वरामद, जांच जारी.

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के जमुई जिले की पुलिस ने बिहार पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा मामले में एक सॉल्वर गैंग का पर्दाफाश किया है. यह सॉल्वर गैंग मोटी रकम लेकर परीक्षा में ब्लूटूथ के जरिये अभ्यर्थियों को सवालों के जबाब देने वाले थे. छापेमारी में पुलिस ने सॉल्वर गैंग के सात सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास से तीन वॉकी-टॉकी, बॉडी स्कैनर, ब्लूटूथ डिवाइस और कई मोबाइल बरामद हुआ है. इसके अलावा लगभग 1 लाख रुपए नगद भी बरामद हुआ है. पुलिस ने इन लोगों के पास से सिपाही भर्ती परीक्षा के 12 अभ्यर्थियों के मूल प्रमाण पत्र को भी बरामद किया है.

 

जानकारी के अनुसार 1, 7 और 15 अक्टूबर को होने वाली सिपाही भर्ती परीक्षा में अभ्यार्थियों को परीक्षा में आए सवाल का जबाब देने के लिए लॉज में अपना कंट्रोल रूम बना चुके थे, जहां से वो ब्लूटूथ डिवाइस के जरिये अभ्यर्थियों को सवालो का जबाब देने की तैयारी कर रखी थी. लेकिन, इसकी जानकारी नगर थाना पुलिस को लग गई और छापेमारी कर गैंग को परीक्षा शुरू होने के पहले कुछ घंटे पहले रात में दबोच लिया.

 

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह गिरोह सिपाही भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थियों को पांच-पांच लाख रुपये लेकर सवालो का जबाब दे एग्जाम पास करने की जिम्मेदारी ली थी, जिसके लिए कुछ पैसे एडवांस में लिये गए थे. पास होने के बाद बाकी रकम देने तक अभ्यर्थियों का मूल प्रमाण पत्र बंधक के रूप में ले लिया गया था. गिरफ्तार किए गए सभी लोग जमुई जिला के रहने वाले हैं जिनका नाम पंकज कुमार, नितेश कुमार, अमन कुमार, अमर कुमार, सोनू कुमार विक्रम कुमार और सोनू कुमार बताया गया है.

 

बताया जा रहा है कि इस गैंग को पर्दाफ़ाश करने के लिए पुलिस ने ही जाल बिछाया था. पुलिस ने कॉन्स्टेबल को ही सिपाही भर्ती परीक्षा का अभ्यर्थी बना इस गैंग से संपर्क करवाया और फिर छापेमारी करते हुए गिरफ्तारी और बरामदगी की. बरामद किए गए इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में वाकी टॉकी और ब्लूटूथ डिवाइस के अलावा बॉडी स्कैनर भी मिला है जिसका इस्तेमाल इस बात की पुष्टि होने के लिए इस्तेमाल किया जाता था कि अभ्यर्थी जो ब्लूटूथ डिवाइस लगाकर जा रहा है वह पकड़ में आएगा कि नहीं.