शराबबंदी के बाद बढ़ गई है चरस-गांजा की तस्करी.

City Post Live

सिटी पोस्ट लाइव : पूर्व शराबबंदी वाले बिहार में  मादक पदार्थों की  तस्करी बहुत ज्यादा बढ़ गई है. शराबबंदी के बाद से ही गांजा, अफीम और चरस जैसे मादक द्रव्यों की तस्करी करीब कई गुना बढ़ गई है. इसको लेकर लगातार कार्रवाई भी की जा रही है. वर्ष 2015 में मादक पदार्थों को लेकर 468 आरोपित पकड़े गए थे वहीं पिछले साल ये आंकड़ा बढ़कर 1600 के पार पहुंच गया. इसी तरह अफीम की खेती का विनिष्टीकरण भी बढ़ा है.

अव मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए  एंटी लिकर टास्क फोर्स (एएलटीएफ) की तरह एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) बनाई गई है. आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) के अंतर्गत कार्यरत एएनटीएफ का हाल ही में पुनर्गठन किया गया है.एएनटीएफ के काम में एसटीएफ के साथ जिला पुलिस का भी सहयोग लिया जा रहा है. मादक पदार्थ तस्करों की अर्जित अवैध संपत्ति की जब्ती की कार्रवाई भी की जाएगी.

 

 पुलिस मुख्यालय के अनुसार, ईओयू के एडीजी के नेतृत्व वाली एएनटीएफ में एक एसपी, दो डीएसपी, दो पुलिस पुलिस निरीक्षक, पांच पुलिस अवर निरीक्षक और चार कंप्यूटर शिक्षित सिपाही कार्यरत हैं. इसके साथ ही टीम की मॉनीटरिंग के लिए राज्य व जिलास्तरीय समिति भी फिर से पुनर्गठित की गई है.मादक पदार्थों की जांच के लिए पुलिस पदाधिकारियों को प्रशिक्षण देने की जिम्मेदारी भी एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स को दी गई है. तस्करों के विरुद्ध छापेमारी, मॉनीटरिंग, न्यायालयों में कांडों के विचारण का अनुश्रवण आदि की जिम्मेदारी भी एएनटीएफ के पास है.मादक पदार्थों के निर्माण, बिक्री वगैरह पर कार्रवाई के लिए केंद्रीय व राज्य की एजेंसियों से समन्वय का टास्क भी टीम को दिया गया है.

Share This Article