संजीव हंस की मुश्किलें बढीं, करीबियों ने उगले कई राज.

 

सिटी पोस्ट लाइव :  आईएएस संजीव हंस की गिरफ्तारी के बाद शनिवार को ईडी ने उनसे जुड़े दो लोगों प्रवीण चौधरी और शादाब खान को गिरफ्तार किया है. प्रवीण चौधरी और शादाब खान को देर रात ईटी की टीम पटना बेउर जेल पहुंची. तीनों को 29 अक्टूबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. दिल्ली में गिरफ्तार किए गए तीनों अभियुक्तों को आमद वार्ड में रखा गया है, जहां पहले गिरफ्तार आईएएस संजीव हंस को रखा गया था. इन तीनों के आने के बाद संजीव हंस को आमद वार्ड से विजिलेंस वार्ड में ट्रांसफर कर दिया गया है. इस बीच ईडी गिरफ्तार संजीव हंस और इसके अतिरिक्त तीन और अभियुक्त गुलाब यादव, प्रवीण कुमार और शादाब खान को रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है.

 

आईएएस रिमांड पर लेने के लिए संबंधित आवेदन पटना विशेष न्यायालय में दिया गया है. जानकारी के अनुसार, संजीव हंस को 5 से 7 दिनों के लिए ईडी की रिमांड पर दिया जा सकता है. दिल्ली से गिरफ्तार गुलाब यादव, प्रवीण कुमार और शादाब खान को भी रिमांड पर लेने के लिए ईडी की टीम तैयारी कर रही है. बताया जा रहा है कि मनी लॉंड्रिंग एक्ट में गिरफ्तार बिहार के आईएएस संजीव हंस के करीबियों की गिरफ्तारी के बाद कई और राज खुले हैं. कहा जा रहा है कि प्रवीण चौधरी और शादाब खान के कबूलनामे ने आईएएस संजीव हंस की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं. ऐसे में आइये जानते हैं कि प्रवीण कुमार और शादाब खान पर कैसे आरोप हैं.

 

बिहार के मधुबनी जिले के रहना वाला प्रवीण बिहार के सरकारी विभागों में भी ठेकेदारी का काम करता है. इस पर संजीव हंस की काली कमाई को दिल्ली में कई स्थानों पर निवेश करने का आरोप है. आईएएस संजीव हंस ने दिल्ली के आनंद निकेतन कॉलोनी में C-35 बंग्ला प्रवीण चौधरी के नाम से ही बेनामी संपत्ति के तौर पर बनवाया था. इसी बंगले में आईएएस संजीव हंस की पूरी फैमिली रहती है. दिल्ली से गिरफ्तार किए गए दूसरे शख्स शादाब खान संजीव हंस से सीधे तौर पर जुड़ हुआ था. वह संजीव हंस की काली कमाई का निवेश कई स्थानों पर खास कर रियल इस्टेट के बिजनेस में करता था. कई लोगों और प्रमुख कंपनियों से संजीव हंस के नाम पर शादाब ने पैसे की जमकर उगाही की है. पैसे के लेनदेन में शादाब की भूमिका काफी अहम मानी जा रही है.

IAS Sanjeev Hans