IAS संजीव हंस को पटना हाई कोर्ट से राहत.

City Post Live

सिटी पोस्ट लाइव : आईएएस अधिकारी संजीव हंस को पटना हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट  ने उनके विरुद्ध दुष्कर्म एवं धोखाधड़ी से संबंधित प्राथमिकी को मंगलवार को रद्द कर दिया है. उल्लेखनीय है कि एक दूसरे मामले में प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई के बाद कुछ दिन पहले ही संजीव हंस को ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव के पद से हटा दिया गया था. न्यायाधीश संदीप कुमार की एकल पीठ ने संजीव हंस की क्रिमिनल रिट याचिका को स्वीकृति देते हुए उनके विरुद्ध दर्ज प्राथमिकी को रद्द किया है. कोर्ट ने पाया कि दुष्कर्म के इस मामले में प्राथमिकी काफी देर से दर्ज की गई.

एक अधिवक्ता महिला ने आरोप लगाया कि आरजेडी के तत्कालीन विधायक गुलाब यादव ने उसे धोखे से अपने फ्लैट पर बुलाकर दुष्कर्म किया और फिर उसका वीडियो बनाया. उसके बाद वीडियो के आधार पर उसको ब्लैकमेल किया गया. उसे दिल्ली और पुणे जैसे शहरों के बड़े होटलों में बुलाकर गुलाब यादव और उसके पार्टनर संजीव हंस ने दुष्कर्म किया. दुष्कर्म के कारण उसे एक बच्चा भी हुआ है.गौरतलब है कि अस्पताल में महिला ने बच्चे के पिता का नाम गुलाब यादव दर्ज कराया है.लेकिन वह संजीव हंस के DNA जांच की मांग कर रही है.

गौरतलब है कि दुष्कर्म के मामले में फंसने की वजह से ही संजीव जैसे चर्चित तेज-तर्रार IAS ऑफिसर के खिलाफ ईडी की जांच शुरू हुई है.इसके पहले उनके ऊपर भ्रष्टाचार का कोई आरोप कभी नहीं लगा है.ईडी की रेड में भी उनके ठिकानों से केवल 45000 कैश और कुछ कीमती गिफ्ट वरामद हुए हैं.हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद संजीव हंस को बड़ी राहत मिली है.

Share This Article