सिटी पोस्ट लाइव : रामनवमी की शोभायात्रा के दौरान में बिहार के पांच जिलों में एक सुनियोजित साजिश के तहत हिंसक झड़प कराई गई है. सबसे ज्यादा रोहतास जिले के सासाराम और नालंदा जिले के बिहारशरीफ में बवाल हुआ.ये सब अचानक नहीं बल्कि सोची समझी साजिश के तहत हुआ . 2 अप्रैल को पटना में हुए प्रेस कांफ्रेंस में खुद DGP राजविंदर सिंह भट्टी ने कहा था कि बिहार को अशांत करने की साजिश रची गई थी. यह साजिश क्या थी, इसके जवाब पुलिस को मिल गए हैं.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर ग्रुप बनाए गए. मोबाइल इस्तेमाल करने वाले किशोर से लेकर अधिक उम्र के लोगों को जोड़ा गया. ग्रुप पर उग्र किए जाने वाले कई प्रकार के मैसेज भेजे गए. पुलिस की जांच में इस बात के प्रमाण दोनों ही जिलों में मिले हैं. फिलहाल ये भड़काऊ मैसेज किस तरह के थे, उसका खुलासा पुलिस ने नहीं किया है.ये खुलासे तब हुए जब हिंसा के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए हिंसा में शामिल लोगों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार करना शुरू किया.
पुलिस ने कई लोगों के मोबाइल को जब खंगालना शुरू किया तो कई ग्रुप और उसमें चैटिंग और भेजे गए मैसेज के प्रमाण मिले. बिहार पुलिस मुख्यालय दावा कर रही है कि जांच के दौरान उनकी टीम के हाथ जो डिजिटल एविडेंस लगे हैं. उससे ही कई राज खुलेंगे.ADG मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा कि जो FIR दर्ज हुई है और जो अभियुक्त गिरफ्तार हुए हैं और एविडेंस सामने आए हैं उसके आधार पर अपनी कार्रवाई को आगे बढ़ा रही है. इसमें कई तरह के एविडेंस हैं.फिजिकल, ओरल, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल एविडेंस भी है. इन सारे एविडेंस के आधार पर पुलिस अपनी जांच में पता करेगी कि किस तरह से हिंसा की साजिश रची गई? इतने बड़ी प्लानिंग कैसे हुई?
हिंसा पहले सासाराम में हुई थी. यहां 3 FIR दर्ज कर पुलिस ने अब तक 43 लोगों को गिरफ्तार किया है. इसके बाद हिंसा बिहारशरीफ में हुई थी. यहां अब तक अलग-अलग थानों में कुल 15 FIR दर्ज की गई और कुल 130 गिरफ्तारियां हुई. दोनों जिलों को मिलाकर कुल 18 FIR में 173 को गिरफ्तार किया गया.सूत्र बताते हैं कि इनमें कई नाबालिग हैं. नफरत फैलाने वालों ने हिंसा की आग में इन्हें भी झोंक दिया. पुलिस मुख्यालय के अनुसार दोनों जिलों के जिला प्रशासन की टीम नाबालिगों की पहचान कर उनके लिए अलग कानूनी प्रक्रिया को अपना रही है.
हिंसा के बाद से बिहार शरीफ में कई तरह की अफवाह भी लोगों के बीच फैलाया जा रहा है. इसे लेकर पुलिस मुख्यालय की तरफ से मंगलवार को एक एडवाइजरी जारी कर लोगों को अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की सलाह दी गई है. पुलिस ने 5 अफवाह और उसके तथ्यों को जारी किया है.अफवाह नंबर 1-रामनवमी शोभायात्रा के क्रम में महिला पुलिसकर्मियों के साथ छेड़खानी की गई.जबकि शोभायात्रा के दौरान किसी महिला पुलिस कर्मी के साथ छेड़छाड़ की कोई घटना नहीं हुई.अफवाह नंबर 2-शोभायात्रा के बाद अभी भी कई व्यक्ति लापता हैं जबकि किसी भी महिला, पुरुष, बच्चे के लापता होने की कोई शिकायत अब तक नहीं आई है.
अफवाह नंबर 3-बसों से एक धर्म विशेष के व्यक्तियों को उतारकर क्षति पहुंचाई जा रही है. इस प्रकार की किसी भी घटना की सूचना कोई भी प्राइवेट या सरकारी बस के ड्राइवरों से नहीं मिली है.अफवाह नंबर 4-जिले में हिंसक घटनाओं में 30 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि सच्चाई ये है कि अभी तक सिर्फ 1 व्यक्ति की मौत 31 मार्च के बाद की घटनाओं में हुई है.अफवाह नंबर 5-बिहारशरीफ के शहरी वार्डों और बगल के गांव से एक धर्म विशेष के परिवारों का पलायन हो चुका है जो निराधार है.
बिहारशरीफ और सासाराम में रामनवमी पर हुई हिंसा के 5वें दिन अब माहौल शांत है. बिहारशरीफ में मंत्री श्रवण कुमार ने सभी राजनीतिक दलों और शहर के लोगों के साथ सड़कों पर सद्भावना यात्रा निकाली. लोगों से मिलजुल कर रहने की अपील की. इस दौरान पुलिस वालों ने लोगों से किसी अफवाह पर ध्यान नहीं देने की अपील की है.