सिटी पोस्ट लाइव : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल के स्टार परफॉर्मर्स अनुराग ठाकुर को इस बार मंत्रिपरिषद में जगह नहीं मिल रही है. हिमाचल की हमीरपुर लोकसभा सीट से लगातार 5 बार से जीत रहे ठाकुर का अबतक का सियासी करियर काफी चमकदार रहा है. भारतीय जनता युवा मोर्चा का अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने अपनी नेतृत्व क्षमता का लोहा मनवाया. उनका वह कार्यकाल शानदार रहा. जनवरी 2019 में वह बीजेपी के पहले ऐसे सांसद बने जिन्हें सांसद रत्न से नवाजा गया. पीएम मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल में ठाकुर को केंद्रीय मंत्रिपरिषद का हिस्सा बनाया. शुरुआत वित्त मंत्रालय और कॉर्पोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री में राज्य मंत्री के तौर पर हुई. 2021 में प्रमोशन हुआ। खेल और युवा मामलों के साथ-साथ सूचना प्रसारण मंत्रालय में कैबिनेट मंत्री बने. मोदी सरकार के स्टार परफॉर्मर मिनिस्टर रहे. इसके बावजूद इस बार उनके मोदी कैबिनेट का हिस्सा नहीं बन पाए .
अनुराग ठाकुर हिमाचल प्रदेश से आते हैं. हमीरपुर संसदीय सीट से 2008 के उपचुनाव में जीत हासिल कर पहली बार सांसद बने और अबतक अजेय हैं. 2008 के उपचुनाव के बाद उन्होंने 2009, 2014, 2019 और 2024 के लोकसभा चुनाव में इस सीट से जीत हासिल की. इस बार उन्होंने कांग्रेस के सतपाल रायजादा को 1 लाख 82 हजार से ज्यादा वोट के अंतर से शिकस्त दी. माना जा रहा था कि 4 लोकसभा सीट वाले हिमाचल प्रदेश से वह केंद्र में मंत्री बनेंगे लेकिन पेच फंस गया. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल 30 जून को खत्म हो रहा है.उन्हें इसबार मंत्री बना दिया गया है. वैसे तो वह गुजरात से राज्यसभा सांसद हैं लेकिन रहने वाले हिमाचल प्रदेश के ही हैं. अब हिमाचल जैसे छोटे राज्य से 2-2 मंत्री रखने से क्षेत्रीय संतुलन गड़बड़ा सकता है. इसलिए ठाकुर का पत्ता कट गया.
अनुराग ठाकुर ही नहीं, पिछली सरकार की चर्चित चेहरा रहीं स्मृति इरानी भी इस बार मंत्रियों की लिस्ट से गायब हैं. चुनाव हार चुके मंत्रियों को संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिल सकती है. अनुराग ठाकुर हों या स्मृति इरानी, आरके सिंह हों या संजीव बालियान या निशिथ प्रमाणिक जैसे मोदी 2.0 सरकार के वे मंत्री जो चुनाव हार गए हैं, उन्हें संगठन में अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है. अनुराग ठाकुर ने बीजेपी युवा मोर्चा का अध्यक्ष रहते हुए अपनी सांगठनिक क्षमता का मुजाहिरा कर चुके हैं, लिहाजा उन्हें इस बार संगठन में कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है.उन्हें बीजेपी का राष्ट्रिय अध्यक्ष भी बनाया जा सकता है.