स्कूल के समय कोचिंग बंद के आदेश से संघ नाराज.

:बोले-कोचिंग बंद हो जाएगी, बच्चे कोटा-दिल्ली चले जाएंगे; सीएम से करेंगे केके पाठक की शिकायत.

सिटी पोस्ट लाइव : शिक्षा विभाग के अपर प्रधान  सचिव के.के. पाठक के सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक बिहार में सभी कोचिंग संस्थान बंद रखने के आदेश को लेकर  कोचिंग एसोसिएशन फॉर भारत नाराज है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के फैसले को लेकर कोचिंग एसोसिएशन ने कहा कि इससे यहां के बच्चे कोटा, दिल्ली पढ़ने चले जाएंगे.कोचिंग एसोसिएशन ऑफ भारत के सचिव सुधीर कुमार सिंह ने बिहार में कोचिंग संस्थान बंद करने पड़ेंगे. इस फैसले से 7 से 8 लाख रोजगार प्रभावित होंगे. प्रदेश को राजस्व को भी बड़ा नुकसान होगा. एसोसिएशन का कहना है कि वो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर केके पाठक की शिकायत करेंगे.

गौरतलब है  कि बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की ओर से जारी आदेश के मुताबिक स्कूल की टाइमिंग (सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक) सभी कोचिंग संस्थान बंद रखे जाएंगे. इस फैसले का कोचिंग एसोसिएशन फॉर भारत ने विरोध किया है.बिहार में स्कूलों की स्थिति को बेहतर के लिए करने के लिए शिक्षा विभाग कई कड़े कदम उठा रहा है. इसी कड़े फैसलों में शिक्षा विभाग के अपर सचिव केके पाठक ने राज्य भर में सुबह 9 से शाम 4 बजे तक कोचिंग संचालन पर रोक लगा दी है.इसको लेकर कोचिंग एसोसिएशन ऑफ भारत ने विरोध किया है. कोचिंग एसोसिएशन ऑफ भारत के सचिव सुधीर कुमार सिंह ने कहा कि शिक्षा विभाग की तरफ से इस फैसले पर कोई मंथन नहीं किया गया है.

एसोसिएशन के सचिव ने बताया कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के इस आदेश की शिकायत, अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से की जाएगी. अगर इस आदेश को वापस नहीं लिया गया तो बिहार में 90 प्रतिशत कोचिंग संस्थान बंद हो जाएंगे. इससे 4 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के राजस्व का नुकसान होगा. 8 लाख से लोग बेरोजगार हो जाएंगे.एसोसिएशन का कहना है बिहार में देश के बड़े-बड़े कोचिंग आ चुके हैं और कई अगले साल तक आ जाएंगे. सरकार ने कोचिंग को लेकर जो आदेश निकाला है अगर उसमें सुधार नहीं करती है तो राज्य को बड़े पैमाने पर क्षति होगी.

बड़ी संख्या में बिहार से फिर विद्यार्थियों का पलायन कोटा और दिल्ली के लिए शुरू हो जाएगा.उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी इंस्टीटूशन में एसटी-एससी और अल्पसंख्यक के लिए कोचिंग चल रहा है जो की सरकारी कॉलेजों में चल रहे हैं. इसका समय 9 से 4 के बीच ही है. लेकिन इसपर कोई रोक नहीं है. जब आप प्राइवेट कोचिंग पर रोक है तो सरकारी पर क्यों नहीं ?गर्वमेंट हमें गुड्स एंड सर्विसेज में समझती है, जीएसटी के दायरे में रखना चाहती है। 18% जीएसटी हम से चार्ज किया जाता है. बिजनेस के रूप में आप हमको देखते हैं. बिजनेस का मुख्य समय 9 से 5 होता है. उन्होंने कहा कि कोचिंग संस्थान वाले जीएसटी देते हैं तो बाजार मांगों के अनुसार व्यवसाय का अधिकार है. हमें इस अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है.

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