मधेपुरा से शरद यादव के बेटे ठोक रहे हैं ताल.

सिटी पोस्ट लाइव : शरद यादव की राजनीतिक विरासत उनके पुत्र शांतनु संभालेंगे. वे मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र से राजद टिकट पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं.शरद की धर्म पत्नी डा. रेखा यादव उन्हें सहयोग कर रही हैं. वह मधेपुरा के उसी आवास में रह रही हैं, जिसका निर्माण शरद यादव ने कराया था.शरद के पूरे परिवार का नाम मधेपुरा की मतदाता सूची में है. शांतनु (Shantanu Yadav Profile) की उम्र करीब 30 साल है.अगर अवसर मिलता है तो 2024 का लोकसभा चुनाव उनका पहला होगा.1991, 1996, 1999 और 2009 में शरद ने लोकसभा में मधेपुरा का प्रतिनिधित्व किया था. 2019 में शरद जदयू के दिनेश चंद्र यादव के हाथों पराजित हुए.

 

शरद यादव का निधन इस साल 12 जनवरी को हुआ था। पहली पुण्यतिथि पर मधेपुरा में उनकी आदमकद प्रतिमा स्थापित करने की योजना है. शिक्षा मंत्री डा. चंद्रशेखर ने उनकी प्रतिमा का निर्माण किया है.इसे मधेपुरा के नए बस स्टैंड पर स्थापित करने की योजना है. इसके लिए राज्य सरकार से अनुमति की जरूरत है. रविवार को शांतनु ने इसी क्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भेंट भी की.

 

प्रतिमा की स्थापना के लिए सरकार के स्तर से होने वाली औपचारिकता पूरी करने का उन्होंने आग्रह किया. समारोह में आने का आमंत्रण भी सीएम को दिया.संभव है कि प्रतिमा स्थापना समारोह के अवसर पर शांतनु मधेपुरा को लेकर अपनी भावी रणनीति के बारे में कुछ बोलें.अभी मधेपुरा लोकसभा सीट जदयू के पास है. कभी शरद के शिष्य रहे दिनेशचंद्र यादव यहां से जदयू के सांसद हैं. शांतनु की दावेदारी के लिए जदयू की सहमति जरूरी है.जदयू और राजद महागठबंधन में हैं. शांतनु राजद में हैं. शरद भी 2019 में अपने जीवन का अंतिम चुनाव राजद टिकट पर ही लड़े थे.

 

शरद यादव की बेटी सुभाषिणी बुंदेला ऊर्फ सुभाषिणी शरद यादव 2020 में मधेपुरा जिला के बिहारीगंज विधानसभा से कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ी थीं. 62 हजार से अधिक वोट लाकर वह हार गईं.शरद ने अपने जीवनकाल में ही शांतनु को मधेपुरा लोकसभा के लिए अपने उत्तराधिकारी के रूप में प्रस्तुत करना शुरू कर दिया था. शरद के क्षेत्र भ्रमण के दौरान शांतनु उनके साथ रहते थे.

SHANTANU