सिटी पोस्ट लाइव : पटना हाईकोर्ट से रेप मामले में बरी होने के बाद IAS संजीव हंस के पस्थापना को लेकर प्रशासनिक गलियारे में चर्चा तेज हो गई है.सूत्रों के अनुसार संजीव हंस एक दलित IAS अधिकारी हैं इसलिए सरकार उन्हें दलित समाज के कल्याण से जुड़े किसी महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेवारी सौंप सकती है..गौरतलब है कि संजीव हंस एक तेज तर्रार IAS अधिकारी माने जाते हैं. नीतीश सरकार ने उन्हें सबसे अहम् विभाग उर्जा विभाग के प्रधान सचिव बनाकर रखा था.लेकिन उनके ठिकानों पर ईडी की रेड के बाद सरकार ने उन्हें हटा दिया है. अभी वो पदस्थापना की प्रतीक्षा में हैं.
गौरतलब है कि एक महिला अधिवक्ता ने RJD के पूर्व विधायक और IAS संजीव हंस पर रेप का आरोप लगाया था.पटना पुलिस ने आनन्-फानन में वगैर समुचित जांच किये ही मामले को सत्य करार दे दिया था.मामला हाईकोर्ट पहुँच गया था.हाईकोर्ट ने संजीव हंस के खिलाफ लगाए गये रेप के आरोप को गलत ठहराते हुए मामले को खारिज कर दिया था.हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद अब संजीव हंस के पोस्टिंग को लेकर चर्चा शुरू हो गई है.सूत्रों के अनुसार बहुत जल्द संजीव हंस को किसी महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेवारी मिल सकती है.
संजीव हंस एक महिला अधिवक्ता द्वारा रेप का आरोप लगा देने के बाद चर्चा में आये थे.इसके पहले उनके ऊपर कोई आरोप नहीं लगा था.वो सरकार के भरोसेमंद अधिकारियों में से एक थे.लेकिन रेप का आरोप लग जाने के बाद उनके बुरे दिन शुरू हो गये थे.इसी मामले में ईडी ने पिछले सप्ताह उनके थिकाओ पर छापेमारी कर दी थी.ईडी की रेड के बाद उन्हें उर्जा विभाग के प्रधान सचिव के पद से सरकार ने हटा दिया.लेकिन अब हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिल जाने के बाद फिर से उन्हें किसी महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेवारी दी जा सकती है.