आईजीआईएमएस में रोज आ रहे ब्रेन हेमरेज के मरीज .

सिटी पोस्ट लाइव : आईजीआईएमएस में हर रोज ब्रेन हेमरेज के एक से दो मरीज भर्ती हो रहे हैं. ब्रेन हेमरेज के पीड़ित 10 मरीज फिलहाल भर्ती हैं.कुछ दिन पहले तक ब्रेन हेमरेज से पीड़ित होने वालों की संख्या प्रतिदिन दो से चार मरीज थी. संस्थान के मेडिकल सुपरिटेंडेंट और उप निदेशक डॉ. मनीष मंडल के अनुसार  ठंड के दिनों में ही ब्रेन हेमरेज की शिकायत अधिक होती है. पर गर्मी में भी ब्रेन हेमरेज ने चिंता बढ़ा दी है. सिर में चोट लगने या हाई बीपी से भी ब्रेन हेमरेज होता है. इन दिनों भर्ती मरीजों में अधिकांश मरीज वह हैं जिन्होंने ब्लड प्रेशर की दवा छोड़ दी थी.

पीएमसीएच में न्यूरो सर्जरी विभाग के हेड डॉ. एके अग्रवाल का कहना है कि ब्रेन हेमरेज का मुख्य कारण अनियंत्रित बीपी है. इसके अलावा ब्रेन की धमनी (आर्टरी) की बनावट में अनुवांशिक गड़बड़ी. जैसे ब्रेन की धमनी का कमजोर होना. बीपी बढ़ने पर जहां पर धमनी कमजोर है. वहीं फट जाता है. कुछ लोग अचानक बीपी की दवा छोड़ देते हैं या गलती से दवा लेना भूल जाते हैं.जिसके कारण यह स्थिति उत्पन्न होती है. इसके अलावा आट्रियो वेनस मैलफॉरमेशन (शुद्ध और अशुद्ध खून का मिल जाना) के कारण भी ब्रेन हेमरेज की शिकायत होती है. कुछ लोगों को पता ही नहीं होता है कि उनका बीपी बढ़ा हुआ है और वे दवा नहीं खाते हैं.

अचानक सिर में तेज दर्द, बेहोशी, दर्द के बाद हाथ-पैर के एक हिस्से में कमजोरी आदि जैसे लक्षण मिलने पर तुरंत अस्पताल पहुंचना चाहिए. 24 घंटे के अंदर अस्पताल पहुंचकर इलाज शुरू होने पर काफी सुधार की संभावना रहती है. देर होने पर कंप्लीकेशन बढ़ जाता है. वैसे एंडोवेस्कुलर ट्रीटमेंट भी होने लगा है. ब्रेन हेमरेज होने पर बीपी बहुत ज्यादा बढ़ जाता है. बीपी के मरीज को बीपी की दवा नहीं छोड़ना चाहिए.

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