BJP के ‘मोहन दांव’ से बढ़ी लालू-तेजस्वी की चुनौती.

सिटी पोस्ट लाइव : जबतक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आरजेडी के साथ हैं, बीजेपी के लिए बिहार में सरकार बनाना आसान नहीं है.बीजेपी ने लालू यादव के “माय समीकरण “ को साधने की कोशिश शुरू कर दी है.बीजेपी ने मध्य प्रदेश में मोहन  यादव को सीएम बनाकर   अपनी भविष्य की राजनीति व रणनीति  का  संकेत दे दिया है कि अब बिहार सहित तमाम हिंदी राज्यों में उस वोटबैंक पर नजर है, जिसपर अबतक विपक्षी दलों का एकाधिकार रहा है.

 

मोहन यादव के सीएम बनाने के बाद इसका सीधा असर बिहार पर देखा जा रहा है. बीजेपी ने मोहन यादव को सीएम बनाकर साफ संकेत दिया है कि कोई भी जाति हो समुदाय पार्टी के लिए अहम है और उसे सत्ता में भागीदारी दी जाएगी. बिहार में लालू के समय से ही माई (M-Y) (मुस्लिम-यादव) समीकरण के तहत मुस्लिम यादव वोटबैंक पर राजद का दबदबा रहा है, पर इस बार बीजेपी ने इसमें बड़ी सेंधमारी की तैयारी कर ली है.बिहार में  14 प्रतिशत हिस्सेदारी वाला यादव समुदाय को लेकर गोटी सेट करने की कवायद शुरू हो गई है. कहा जा रहा है कि एमपी में मोहन यादव को सीएम बनाने के पीछे भाजपा की बिहार को साधने की भी रणनीतिक सोच भी है.

 

बीजेपी ने मध्य प्रदेश में मोहन यादव को सीएम चेहरा बनाकर अतिपिछड़ा वोटबैंक को और मजबूत बनाने की राजनीति पर काम कर रहा है. इस बार बिहार बीजेपी के रणनीति के केंद्र में है. बिहार में लोकसभा के 40 सीट में 2019 के लोकसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन 39 सीटें जीती थी, जिसे बीजेपी इसबार नई रणनीति के साथ दुहराना चाहती है.

 

बीजेपी का पूरा फोकस इस बार यादव वोटबैंक को लेकर है. सवर्ण, दलित और अतिपिछड़ा के बड़े समूह पर बीजेपी पहले से मजबूत है, इसलिए तेजस्वी के यादव वोटबैंक पर नजर है. इसे देखते हुए मध्य प्रदेश में मोह यादव को सीएम बनाकर संदेश देने की कोशिश है. यही कारण है की पिछले कुछ दिन पहले बीजेपी ने यादव सम्मेलन किया था जिसमे बड़े संख्या में यादव समाज के लोगों का जुटान हुआ था.

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