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जेपी नड्डा की छठ डिप्लोमेसी से बिहार की राजनीति में हलचल.

नीतीश को मनाने या समझाने आये थे जेपी नड्डा, क्या बीजेपी चाहती है बिहार सरकार में बड़ा बदलाव?

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सिटी पोस्ट लाइव:  बिहार चुनाव को देखते हुए बिहार बीजेपी में बड़ा फेरबदल करने की तैयारी चल रही है. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी छठ puja के बहाने बिहार पहुंचे हुये हैं.इनके इस दौरे को लेकर बिहार बीजेपी-जेडीयू के अंदर खलबली मची हुई है.  नड्डा ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से ठीक पहले छठ के मौके पर छठ डिप्लोमेसी शुरू कर दिया है. इसके तहत बिहार में मनाने और समझाने का दौर शुरू हो गया है. नड्डा ने सबसे पहले सीएम नीतीश कुमार के साथ मुलाक़ात की.फिर बीजेपी के दोनों उपमुख्यमंत्रियों और मंत्रियों का कार्यकर्ताओं से फीडबैक लिया. नड्डा का एक ही दिन पटना आना और फिर कुछ ही घंटों में चले जाना राजनीतिक गलियारे में चर्चा का विषय बना हुआ है.

भले मीडिया को ये लगता हो कि नड्डा छठ puja को लेकर बिहार आये थे लेकिन बीजेपी के सूत्रों के अनुसार नड्डा कुछ खास वजह से आये थे और अपना काम कर चले गये.बिहार बीजेपी के कई बड़े नेताओं की सांस अटकी हुई है. 15 नवंबर को पीएम मोदी की जमुई में बिरसा मुंडा की 150 जयंती पर सभा होनी है. इस सभा को लेकर पहले बीजेपी नेताओं के द्वारा यह कहा जा रहा था यह कार्यक्रम पीएम मोदी का है और कौन आएंगे और कौन नहीं आएंगे यह केंद्र तय करेगा. क्योंकि, झारखंड में चुनाव हो रहे हैं ऐसे में इस दौरे को लेकर जेडीयू नेता भी कुछ बोलने से कतरा रहे थे. सीधे शब्दों में कहें तो पहले बिहार के सीएम नीतीश कुमार का इस कार्यक्रम में शामिल होने का प्रोग्राम नहीं था. लेकिन, अब नड्डा से मुलाकात के बाद नीतीश कुमार भी इस कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं.


पीएम मोदी की सभा में मंच शेयर करने को लेकर जेडीयू और बीजेपी में कुछ कशमकश चल रही होगी? ऐसे में नड्डा का पटना पहुंचना और सीएम नीतीश कुमार के साथ एक ही जहाज में गंगा घाटों पर जाना कई संकेत दे रहा है. सीएम नीतीश कुमार के साथ गंगा घाट पर नड्डा के साथ बीजेपी के दोनों डिप्टी सीएम भी मौजूद थे.बिहार के बगल में झारखंड में विधानसभा का चुनाव हो रहा है. नड्डा वहां न जाकर सीधे पटना आना कई सवालों को जन्म दे रहा है. पहला सवाल, क्या नड्डा का बिहार दौरा गलतफहमियों को दूर करने की कवायद थी? दूसरा सवाल, क्या नड्डा बीजेपी नेताओं को कुछ मैसेज देने के लिए आए थे? तीसरा सवाल, क्या नड्डा राज्य बीजेपी नेतृत्व से खुश नहीं हैं? चौथा सवाल, क्या नड्डा बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में बीजेपी को बड़े भाई की भूमिका में देखना चाह रहे हैं? पांचवां सवाल, क्या जेडीयू और बीजेपी में आ गई दूरी को कम करने की यह कवायद थी?


जेपी नड्डा का यह दौरा बेजीपी और जेडीयू में बन रही दूरियों को कम करने की दिशा में एक कदम था. साथ बीजेपी अब नीतीश कुमार की उम्र और उनके स्वास्थ्य की स्थिति को देखते हुए नेतृत्व अपने हाथ में लेना चाहती है. ऐसे में बीजेपी को नीतीश कुमार के कद न सही पर पार्टी में एक सुलझे हुए नेता की तलाश है, जो पार्टी का नेतृत्व कर सके. मौजूदा दौर में बीजेपी के अंदर कोई भी ऐसा चेहरा नहीं है, जिससे बीजेपी आलाकमान खुश रहे. क्योंकि, नड्डा बिहार में रहे हैं और उनको पता है कि यहां की पॉलिटिक्स को साधना कितना कठिन है. शायद इन्हीं सारी संभावनाओं को टटोलने के लिए उनका दौरा हुआ होगा.’

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