संकट में IAS संजीव हंस और पूर्व RJD विधायक गुलाब यादव .

सिटी पोस्ट लाइव : आईएएस अधिकारी संजीव हंस और आरजेडी के पूर्व विधायक गुलाब यादव दोनों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने प्रिवेंशन आफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत पहले से ही मामला दर्ज कर रखा है . संजीव हंस और गुलाब यादव के खिलाफ ईडी ने 16 जुलाई को मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज कर इनकी संपत्ति की जांच के लिए देश भर में करीब 21 स्थानों पर छापेमारी की थी. अब इन पर आय से अधिक संपत्ति यानी डीए केस की तलवार लटक गई है. विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) जल्द ही इन पर आय से अधिक संपत्ति (डीए) का मुकदमा कर सकती है.

छापे पटना के साथ ही पुणे, गुडग़ांव, नोएडा के अलग-अलग स्थानों पर मारे गए थे. इस दौरान इनके पास आय से अधिक बेनामी संपत्ति की जानकारी सामने आई. संपत्तियां दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम (गुड़गांव), पुणे, पंजाब समेत अन्य जगहों पर हैं. बैंक खाते में लाखों रुपये जमा होने के प्रमाण भी ईडी को को मिले थे. ईडी ने अपनी जांच के करीब डेढ़ महीने के बाद राज्य सरकार से इनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की जांच की अनुशंसा की है.सूत्रों के अनुसार, ईडी द्वारा सौंपे गए दस्तावेज और पत्र को आधार बनाकर विशेष निगरानी आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मुकदमा दर्ज कर बेनामी और आय से अधिक संपत्ति की जांच करेगी.

 

पहले ईडी द्वारा सौंपे गए दस्तावेज और साक्ष्यों की जांच-पड़ताल भी होगी। इसके बाद ही आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा दर्ज हो सकेगा. सूत्रों के अनुसार, आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा दर्ज करने के लिए जिन साक्ष्यों और दस्तावेजों की जरूरत सरकार को पड़ सकती है, उसे प्रवर्तन निदेशालय ने राज्य सरकार को सौंप दिया है. साक्ष्यों में कुछ वीडियो फुटेज भी हैं. इसके अलावा बैंक खातों का विवरण, जमीन से जुड़े कागजात सौंपने की बात भी कही जा रही है.लेकिन संजीव हंस के वकील के अनुसार ईडी की रेड में संजीव हंस की कोई बेनामी सम्पति नहीं सामने आई है.उनके और उनके परिवार के पास जो भी सम्पति है ,पहले से ही आयकर विभाग के रिटर्न में दर्ज हैं.संजीव हंस ने इडी के द्वारा बेनाम बताई जा रही हर सम्पति का ब्यौरा दिया है .उन्होंने कहा है कि उनकी कोई सम्पति बेनाम नहीं है.बैंक लोन से उनकी सारी प्रोपर्ट खरीदी गई है.