उफान पर गंडक नदी, गोपालगंज में दर्जनों गांव डूबे.

सड़कों से संपर्क टूटा, लोग खुले में रहने को मजबूर, राहत बचाव कर जिला प्रशासन ने किया शुरू.

 

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार और नेपाल में लगातार हो रही बारिश की वजह से गंगा समेत बिहार की सभी नदियाँ उफान पर हैं. गोपालगंज में गंडक नदी ने तबाही मचाना शुरू कर दिया है. तटबंध के अंदर बसे निकले दर्जनभर गांव के लोगों के घर डूब चुके हैं. गंडक नदी  खतरे के निशान से 30 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है.गोपालगंज में गंडक नदी पिछले एक सप्ताह से निचले इलाकों में बसे लोगों पर कहर बरपा रही है. किसी के मकान डूब चुके हैं तो किसी के घर के अंदर पानी घुस चुका है. स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र, सामुदायिक भवन ये सब डूब चुका है. बच्चों की पढ़ाई बाधित हो चुकी है. बाढ़ से प्रभावित लोगों को पीने के लिए शुद्व पानी भी नहीं मिल पा रहा है.

रोजमर्रा की जरूरी सामान खरीदने के लिए लोग परेशान हैं. बाढ़ से पीड़ित परिवार खुले आसमान के नीचे सड़क के किनारे और ऊंचे तटबंधों पर पॉलिथीन तानकर किसी तरह से दिन और रात काटने को विवश है. प्रशासनिक सहायता भी अब तक इन्हें नहीं मिली है. सबसे ज्यादा परेशानी सदर प्रखंड के रजवाही, सेमरही, जगिरी टोला, मेहंदिया, खाप मकसूदपुर गांव के लोगों की है, क्योंकि इन गांव का सड़क संपर्क पहले ही टूट चुका है.गोपालगंज के डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी ने गंडक नदी से प्रभावित विद्यालयों को दूसरे विद्यालय में शिफ्ट करने का निर्देश दिया है. डीएम का कहना है कि गंडक नदी काफी चौड़ी है और तटबंध के अंदर कई ऐसे विद्यालय पहले से निर्मित है, जहां गंडक नदी का पानी प्रवेश कर जाता है.

 

डीएम का यह भी कहना है कि भविष्य में तटबंध के अंदर बाढ़ प्रभावित इलाकों में कभी विद्यालय न बने, इसको लेकर भी निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा कि तत्कालिक व्यवस्था के तहत विद्यालयों को दूसरे जगह शिफ्ट करने का निर्देश अधिकारियों को दिया गया है. साथ ही निचले इलाकों में बसे लोगों को बाढ़ के इस मौसम में अलर्ट रहने और ऊंचे स्थानों पर शरण लेने का निर्देश दिया गया है.राहत की बात है कि नेपाल में बारिश थमी है और वाल्मीकि नगर बराज से पानी डिस्चार्ज का लेवल कम हुआ है. यदि नेपाल के जलग्रहीत इलाकों में बारिश होती है तो गोपालगंज के निचले इलाकों में बसे लोगों की मुश्किलें और बढ़ सकती है.

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