एक दर्जन सीटों पर INDI गठबंधन में रार तय!

JDU के कई सांसदों की सीट पर indi गठबंधन के सहयोगी दलों का है दावा, बढ़ सकती है मुश्किल.

सिटी पोस्ट लाइव :  बिहार में लोकसभा की सीटों के बटवारे को लेकर इंडिया गठबंधन में रार मचना तय है. लोक सभा की एक दर्जन से ज्यादा सीटों पर र वर्तमान सांसद के अलावा उनके घटक दलों के दूसरे-तीसरे उम्मीदवार भी तैयारी में जुटे हैं. जहानाबाद, बक्सर, नवादा, कटिहार, मधुबनी, सीतामढ़ी, सुपौल, बांका, सिवान, बेगूसराय, काराकाट जैसी सीटों को लेकर रार तय है.

जहानाबाद जदयू की सीट है. पिछला चुनाव हारने के बाद राजद के सुरेंद्र प्रसाद यादव ने अपनी तैयारी बंद नहीं की है. यहां राजग के तीन घटक-भाजपा, लोजपा रा और रालोजद के नाम पर भी उम्मीदवार भ्रमण कर रहे हैं.बक्सर भाजपा के कब्जे में है. राजद और भाकपा की तैयारी चल रही है.नवादा में राजग के घटक दलों-लोजपा रा, रालोजपा और राजद के उम्मीदवार जनता के बीच अभी से घूम रहे हैं. यह रालोजपा की जीती हुई सीट है.जदयू की कटिहार सीट पर कांग्रेस और भाकपा माले ने दावा पेश किया है. मधुबनी पर राजद, भाकपा और कांग्रेस समान रूप से दावा कर रहे हैं. यहां 2019 में भाजपा जीती थी.

सीतामढ़ी जदयू की सीट है. जदयू के अलावा राजद का भी दावा है. राजग में भाजपा के साथ रालोजद की सक्रियता बढ़ी हुई है. सुपौल में जदयू के भीतर ही संघर्ष है. बुजुर्ग होने के कारण वर्तमान जदयू सांसद दिलेश्वर कामैत के अवकाश लेने के आसार हैं. वे अति पिछड़ी जाति के हैं. मांग हो रही है कि इस बार किसी यादव उम्मीदवार को अवसर दिया जाए.बांका में जदयू के सांसद रहने के बावजूद राजद के पूर्व सांसद जयप्रकाश नारायण यादव जोर लगाए हुए हैं. भाकपा माले के लिए सिवान महत्वपूर्ण है. मुश्किल यह है कि यह सीट जदयू की है. भाकपा माले ने दावे की सीटों में सिवान को भी जोड़ दिया है.

बेगूसराय वाम दलों की परम्परागत कही जाने वाली सीटों में शामिल है. भाजपा की इस सीट पर आरजेडी और सीपीआई का भी दावा है. जदयू की काराकाट सीट पर भी सहयोगी दलों की नजर है. भाकपा माले इस सीट से लड़ना चाहती है. 2019 के चुनाव में भाकपा माले के उम्मीदवार राजाराम सिंह तीसरे नम्बर पर रहे थे.

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