गंगा नदी के आसपास निर्माण पर पाबंदी.

सिटी पोस्ट लाइव : पटना में गंगा नदी के सिने पर बहुमंजिली ईमारतें खड़ी करने वाले बिल्डर्स को सुप्रीम कोर्ट ने तगादा झटका दिया है. गंगा नदी से सटे क्षेत्रों खासकर पटना और उसके आसपास कोई और निर्माण कार्य न हो, ये सुनिश्चित करने का निर्देश सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को दिया है. जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस आगस्टीन जार्ज मसीह की पीठ ने राज्य सरकार को पटना में गंगा नदी के डूबक्षेत्र में निर्मित अवैध संरचनाओं को हटाने के बारे में शपथपत्र दायर करने का निर्देश दिया.

पीठ ने कहा, बिहार सरकार के वकील ने जानकारी दी है कि सरकार ने पटना और उसके आसपास गंगा नदी से सटे 213 अनधिकृत निर्माण की पहचान की है और इन अतिक्रमणों/निर्माणों को हटाने के लिए कदम उठाए गए हैं. पीठ ने कहा कि पांच फरवरी, 2024 को राज्य सरकार शपथपत्र दायर करके इस अदालत को इन अनधिकृत संरचनाओं को हटाने में हुई प्रगति की जानकारी दे.बिहार के मुख्य सचिव यह शपथपत्र दायर करें. राज्य यह भी सुनिश्चित करे कि गंगा नदी से सटे इलाकों विशेषकर पटना शहर और उसके आसपास कोई और निर्माण न हो.

 शीर्ष अदालत 30 जून, 2020 के राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश के खिलाफ पटना के निवासी अशोक कुमार सिन्हा द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी. एनजीटी ने पर्यावरण के लिहाज से संवेदशनील डूब क्षेत्रों पर अवैध निर्माण और स्थायी अतिक्रमण के खिलाफ सिन्हा की याचिका खारिज कर दी थी.गौरतलब है कि नगर निगम से सांठ-गांठ कर कई बिल्डर्स गंगा नदी में अपार्टमेंट बना चुके हैं.कई बहुमंजिली ईमारतों का निर्माण अधूरा है.

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