नेपाल में नदी में गिरी बस,38 लोगों के मौत की खबर.

बिहार के दो परिवारों के 8 सदस्य लापता, राहत बचाव कार्य जारी लेकिन नहीं मिला बस का सुराग.

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के सीतामढ़ी जिला से सटे पड़ोसी देश नेपाल के नारायण गढ़-मुगलिंग मुख्य मार्ग पर गुरूवार की देर रात्रि एक यात्री बस दुर्घटना की शिकार हो गई.सिमलताल के पास भूस्खलन के कारण त्रिशूली नदी में  यात्री बस समां  गई. इस दुर्घटना में करीब 38 यात्रियों के मौत होने की आशंका व्यक्त की जा रही है.दुर्घटना में सीतामढ़ी से सटे नेपाल के रौतहट के तीन यात्रियों ने नदी में जाती बस से कूदकर अपनी जान बचाई है.लेकिन  दो के परिवार के आठ सदस्य नदी में लापता हैं. इनमें से दो पूर्वी चंपारण के पताही थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं.

नदी में डूबे यात्रियों की तलाश तेज कर दी गई है.नेपाल के गृह मंत्रालय ने रात्रिकालीन सवारी के चलाने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया है. चितवन के डीएम इंद्रदेव यादव के अनुसार त्रिशूली नदी से बस और उसमें सवार यात्री को निकालने के लिए सशस्त्र पुलिस बल के तीन और सेना के एक वोट सहित 70 जवानों की टोली लगी हुई है, लेकिन घटना के बाद से बस का कोई पता नहीं चल रहा है, जबकि टीम पानी के तेज बहाव के बीच दो सौ मीटर गहराई तक गई . बस को ढूंढने के लिए अब बास, लोहे के रड में चुंबक लगाकर खोज तलाश की जा रही है. गृह मंत्रालय ने रेड एडवाइजरी जारी कर रात्रि कालीन सवारी साधन के परिचालन पर रोक लगा दी है.लेकिन  मंत्रालय के इस आदेश का व्यवसायी संघ  विरोध कर रहा है.

काठमांडू से गौर आ रही बस से कूदकर जान बचाने वाले रौतहट के गरुडा नगरपालिका के सिसवा निवासी योगेश्वर राय यादव ने बताया कि बस में उनकी पुत्री अमृता यादव (23), नाती अशोक यादव (7), शिवशंकर यादव (3), नतनी प्रीति यादव (डेढ़ वर्ष) बस पर सवार थे, जो लापता हैं. इस दुर्घटना में  परशुराम साह (58), मां मीणा देवी (55) तथा पूर्वी चंपारण के पताही थाना क्षेत्र के पिपहरबा निवासी बहनोई नरेश साह (28), बहन रिंकू देवी (24) बस के साथ नदी में समा गए हैं. तीसरे बचने वाले रौतहट के देवाही गोनाही नगरपालिका के नन्दन दास मौत के दरवाजे से वापस लौटने पर भगवान को धन्यवाद दे रहे हैं.

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