सिटी पोस्ट लाइव : महानंदा, परमान और कनकई नदी के जलस्तर में लगातार उतार-चढ़ाव हो रहा है.अभीतक तो सभी नदियां खतरे के निशान से नीचे बह रही हैं, लेकिन जिस तरह से नदियों के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, सभी नदियां जल्द खतरे के निशान को पार कर जाएगी. अनुमंडल क्षेत्र से गुजरने वाले महानंदा नदी डंगराहा घाट में अपने खतरे के निशान 35.65 मीटर से महज 45 सेंटीमीटर नीचे से बह रही है. कनकई नदी का जलस्तर अपने खतरे के निशान 46.94 मीटर से सिर्फ 24 सेंटीमीटर नीचे है. परमान नदी का जलस्तर 46.58 मीटर रहा है. नदियों के जलस्तर में लगातार उतार-चढ़ाव होने के कारण से कई इलाकों में कटाव तेज हो गया है.
नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी से अमौर प्रखंड के रंगरैया लालटोली पंचायत के लालटोली हाट के पास पुल का एप्रोच पथ दास नदी के पानी से ध्वस्त हो गया है. इस कारण से करीब 1000 लोगों का आवागमन बाधित हो गया है. कनकई नदी के बढ़ें जलस्तर से प्रखंड क्षेत्र के सिमलबाड़ी नगरा टोला में भी कटाव तेज हो गया है. यहां प्रधानमंत्री सड़क का पूर्व से ध्वस्त हिस्सा भी नदी में समा गया है. इस कारण से अब घर पर कटाव का खतरा मंडराने लगा है. नदी का पानी अब निचले हिस्से में प्रवेश करने लगा है. चन्द्रगामा पंचायत के दोहघरिया गांव में परमान नदी से भीषण कटाव हो रहा है. चन्द्रगामा पंचायत के दोहघरिया में कटान से विद्यालय, आंगनबाड़ी केन्द्र, हनुमान मंदिर सहित दर्जनों लोगों का घर कटाव की जद में आ गया है.
कोशी व बागमती नदी में पानी का स्तर बढ़ते देख अमनी हियातपुर, बंगलिया, सरसवा, सहोरवा व अन्य क्षेत्र के नदी किनारे बसे ईलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. दियारा क्षेत्र निचले क्षेत्र ने पानी प्रवेश करने लगा. यहां पशुओं के लेकर रह रहे पशुपालक उंचे स्थान पर शरण लेने के जुगत में जुट गए हैं. हरिनतोड़ पंचायत के माला गांव में परमान नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी होने से कटाव तेज हो गया है. नदी माला गांव के पास वार्ड-8 में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क के पास आ चुकी है. इस कारण से सड़क पर कटाव का खतरा मंडराने लगा है. यहां चार महीने पहले सड़क एवं गांव को बचाने के लिए190 फीट जियो बैग का बंडाल लगाया गया था, लेकिन वह नाकाफी साबित हो रहा है.
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