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पटना: पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार मानने से इनकार कर दिया है। पप्पू यादव ने स्पष्ट रूप से कहा कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 कांग्रेस के नेतृत्व में लड़ा जाएगा और चुनाव परिणामों के बाद महागठबंधन मुख्यमंत्री पद पर फैसला करेगा। पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने बिहार के बेगूसराय में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि आगामी चुनाव में कांग्रेस की अगुवाई में महागठबंधन चुनाव लड़ेगा और चुनाव जीतने के बाद यह तय किया जाएगा कि मुख्यमंत्री कौन होगा। उन्होंने यह भी कहा कि महागठबंधन में किसी नेता को पहले से मुख्यमंत्री पद के लिए नहीं घोषित किया जाएगा।
पप्पू यादव ने यह बात पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही। उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी, सोनिया गांधी, लालू यादव और प्रियंका गांधी जैसे नेता मिलकर बाद में मुख्यमंत्री के उम्मीदवार का चयन करेंगे। पप्पू ने यह साफ किया कि कांग्रेस, जो गठबंधन का प्रमुख दल है, चुनाव में बड़े भाई की भूमिका निभाएगी। पप्पू यादव ने आरोप लगाया कि बीजेपी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नीचा दिखाने का प्रयास करती है। इसलिए सर्वे में एनडीए सरकार बनती दिखाई गई है, लेकिन सीएम के रूप में तेजस्वी यादव को 41 फीसदी लोगों की पसंद बताया गया है। उनके अनुसार यह बीजेपी की चाल है, जिससे नीतीश कुमार को कमजोर दिखाया जा रहा है।
बिहार में बाबाओं के आगमन पर पप्पू यादव ने कहा कि वह सनातन संस्कृति के समर्थक हैं, लेकिन उन बाबाओं के खिलाफ हैं जो समाज को धोखा दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे बाबाओं पर प्रतिबंध लगना चाहिए, क्योंकि वे न तो सनातन के बारे में जानते हैं, न ही बिहार के इतिहास और संस्कृति के बारे में। पप्पू ने यह भी कहा कि बिहार एक ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहर है, जो हमेशा पूरे देश को मार्गदर्शन देता है, और ऐसे बाबाओं का बिहार में कोई स्थान नहीं होना चाहिए।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ये बाबा न तो किसानों, न ही बेरोजगारी और गरीबी पर चर्चा करते हैं, बल्कि चुनाव के दौरान नफरत फैलाने की कोशिश करते हैं। पप्पू ने जोर देकर कहा कि ऐसे बाबाओं को समाज में बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए, और इनके खिलाफ कार्रवाई की आवश्यकता है।