सिटी पोस्ट लाइव :BSP प्रमुख मायावती को अपने भतीजे आकाश पर भरोसा नहीं है. आकाश आनंद को को दो बार राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर और अपना उत्तराधिकारी घोषित किया. फिर दोनों बार हटा दिया. उनका भरोसा यहां तक उठ गया कि उन्हें अपने जीते किसी को उत्तराधिकारी नहीं बनाने का निर्णय लेना पड़ा.अब सवाल उठ रहे हैं कि आखिर क्यों आकाश उनके भरोसे पर खरे नहीं उतर सके? दो साल पहले जिस भतीजे अपनी ही पार्टी के पदाधिकारी की बेटी से शादी की, उन रिश्तों में कहां दरार आ गई?
आकाश आनंद सबसे पहले बार 2017 में सार्वजनिक मंच पर मायावती के साथ नजर आए जब BSP प्रमुख सहारनपुर दंगों के दौरान वहां गई थीं. उसी साल आकाश का पार्टी की बैठक में परिचय करवाया. धीरे-धीरे उनको पार्टी में अहम जिम्मेदारियां देती गईं. उनको 2018 में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और फिर कोऑर्डिनेटर बनाया.लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उनको अपना उत्तराधिकारी भी घोषित कर दिया. उनकी चुनावी सभाएं भी हुईं, लेकिन उसी दौरान आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद FIR हो गई तो उनको उत्तराधिकारी और राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर के पद से हटा दिया. हालांकि, चुनाव के बाद उनके दोनों पद फिर बहाल कर दिए.
मायावती ने आकाश को दोनों पदों पर बहाल तो कर दिया, लेकिन वे उनका भरोसा नहीं जीत पाए. उनको फिर से दूसरे राज्यों में संगठन और चुनाव का जिम्मा दिया गया, लेकिन वहां भी आकाश कुछ खास नहीं कर सके. पार्टी के अंदर भी उनकी छवि अपरिपक्व नेता के तौर पर ही बनती जा रही थी.इस दौरान कई राज्यों के प्रभारी आकाश के ससुर अशोक सिद्धार्थ और पूर्व सांसद रामजी गौतम उनके साथ बैठकों में रहते थे. धीरे-धीरे रामजी गौतम किनारे कर दिए गए और अशोक सिद्धार्थ आकाश के ज्यादा करीब रहे. यहीं से पार्टी नेताओं में मतभेद उभरने लगे.
अशोक सिद्धार्थ ने अपने बेटे की शादी की तो उसमें पार्टी के एक खास गुट के लोगों को ही बुलाया. ऐसे ही मतभेदों की बात मायावती तक पहुंचने लगी.यही वजह है कि मायावती ने खुद अपने बयान में कहा है कि अशोक सिद्धार्थ पार्टी को दो गुटों में बांटने में लगे थे. पार्टी सूत्रों के अनुसार, हाल में हुए दिल्ली चुनाव और अन्य राज्यों से भी लगातार शिकायतें आ रही थीं. आकाश आनंद खुद भी अपने विवेक से निर्णय नहीं ले रहे, वह अशोक सिद्धार्थ के ही कहने पर काम कर रहे हैं. इससे मायावती के अंदर असुरक्षा की भावना बढ़ती गई. इसके बाद ही पहले अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से निकाला और अब आकाश को सभी पदों से हटा दिया.
BSP प्रमुख मायावती को अपने भतीजे आकाश पर भले ही भरोसा न हो, लेकिन अपने भाई आनंद कुमार पर पूरा भरोसा जताया है. उन्होंने कहा कि आनंद कुमार काफी वर्षों से राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं और मेरी गैरहाजिरी में पार्टी के कई काम देखते हैं. वे पूरे देश में पार्टी के लोगों से अपना पूरा संपर्क बनाकर रखते हैं. इसलिए वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखकर इनको पार्टी उपाध्यक्ष बना रहने के साथ ही नेशनल कोऑर्डिनेटर भी बना दिया गया है.
मायावती ने यह भी बताया कि आनंद कुमार ने उनसे कहा है कि बदले हुए हालात में पार्टी मूवमेंट को ध्यान में रखकर इन्होंने अपने बच्चों का रिश्ता गैर राजनीतिक परिवार से ही जोड़ने का फैसला किया है. वजह यह कि अशोक सिद्धार्थ की तरह अब आगे पार्टी को किसी प्रकार का कोई नुकसान न हो.BSP में अब पूर्व सांसद रामजी गौतम का कद काफी बढ़ गया है. मायावती ने कहा कि दूसरे राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर रामजी गौतम पूरे देश में स्टेट में जाकर पार्टी की प्रगति रिपोर्ट लेंगे. पार्टी के जनाधार को बढ़ाने के लिए मेरे द्वारा समय-समय पर दिए गए जरूरी दिशा-निर्देशों को लागू करवाएंगे. जहां चुनाव नजदीक होंगे वहां अपना ज्यादा समय देंगे.