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पटना: माघ पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान का अत्यधिक धार्मिक महत्व है। इसे एक विशेष अवसर माना जाता है, जब लोग गंगा में स्नान करके अपने सभी पापों से मुक्त होने का विश्वास करते हैं और उनके जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। माघ पूर्णिमा को सनातन धर्म में विशेष स्थान प्राप्त है। इस दिन भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस तिथि पर लोग व्रत रखते हैं और पूरी श्रद्धा से पूजा करते हैं। इस साल माघ पूर्णिमा के दिन 144 साल बाद एक शुभ संयोग बन रहा है, साथ ही महाकुंभ का चौथा शाही स्नान भी होगा। इस दिन के स्नान और दान का अत्यधिक महत्व है।
माघ पूर्णिमा को गंगा स्नान करने का महत्व अत्यधिक माना गया है। इस दिन लोग सत्यनारायण की कथा और पूजा करते हैं, क्योंकि यह दिन पुण्य, समृद्धि और सुख की प्राप्ति का अवसर होता है। गंगा स्नान करने से सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है और व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं।
माघ पूर्णिमा गंगा स्नान का शुभ मुहूर्त ज्योतिषी पंचांग के अनुसार 11 फरवरी 2025 को शाम 6 बजकर 55 मिनट से शुरू होगा और यह 12 फरवरी 2025 को शाम 7 बजकर 22 मिनट तक चलेगा। हिंदू धर्म में उदया तिथि का विशेष महत्व होता है, जिसके अनुसार 12 फरवरी को माघ पूर्णिमा मनाई जाएगी। साथ ही, चंद्रोदय संध्या काल 5 बजकर 59 मिनट पर होगा। माघ पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु के ‘मत्स्य अवतार’ का महत्व है, जिसके कारण इस दिन विशेष रूप से श्री हरि और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
यह पूजा सुख, शांति और ऐश्वर्य की प्राप्ति का माध्यम मानी जाती है। साथ ही माघ पूर्णिमा पर गंगा स्नान करने से पुण्यफल की प्राप्ति होती है और मोक्ष की प्राप्ति का भी विश्वास किया जाता है। इस दिन चंद्र देव और मां लक्ष्मी की भी पूजा होती है। दान का महत्व भी इस दिन विशेष रूप से बढ़ जाता है। गंगा स्नान के बाद वस्त्र, भोजन और अनाज का दान करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन दान करने से भगवान श्री हरि का आशीर्वाद मिलता है और जीवन में अनंत शुभता का वास होता है।