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पटना: बिहार के कला एवं संस्कृति विभाग ने अपने कार्यकाल के एक वर्ष पूरे होने पर अपनी उपलब्धियों का ब्यौरा पेश किया। उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि राज्य सरकार बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और उसे नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए लगातार कार्य कर रही है।
इस वर्ष से बिहार में कई प्रमुख महोत्सवों की शुरुआत की गई है, जिनमें बसंत महोत्सव, पंचामृत महोत्सव और मकर संक्रांति महोत्सव शामिल हैं। इन त्योहारों के माध्यम से बिहार की लोक संस्कृति को देश और दुनिया तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा। बिहार में फिल्म प्रोत्साहन नीति इसी साल लागू की गई है, जिसके तहत फिल्म निर्माताओं को चार करोड़ रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा। इस नीति का उद्देश्य बिहार में फिल्म निर्माण को प्रोत्साहित करना और राज्य को एक प्रमुख फिल्म डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करना है।
बिहार सरकार ने निर्णय लिया है कि राज्य के हर जिले में अटल कला भवन का निर्माण किया जाएगा। यह भवन कलाकारों, संगीतकारों और साहित्यकारों के लिए एक समर्पित मंच होगा, जहां वे अपनी कला का प्रदर्शन कर सकेंगे। फिल्म उद्योग को और अधिक बढ़ावा देने के लिए सरकार नई फिल्म सिटी नीति पर काम कर रही है। इस नीति के तहत बिहार में एक आधुनिक फिल्म सिटी विकसित की जाएगी, जिससे स्थानीय कलाकारों और तकनीशियनों को रोजगार मिलेगा और बिहार को सिनेमा के नक्शे पर एक महत्वपूर्ण स्थान मिलेगा।
उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने कहा कि राज्य सरकार बिहार की सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने और कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इन योजनाओं के सफल क्रियान्वयन से बिहार की कला और संस्कृति को एक नई पहचान मिलेगी और राज्य में पर्यटन तथा आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।