सिटी पोस्ट लाइव
नई दिल्ली । इंफोसिस के सह-संस्थापक और पूर्व सीईओ सेनापति क्रिस गोपालकृष्णन, भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) के पूर्व निदेशक बलराम और 16 अन्य लोगों के खिलाफ सोमवार को एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। 71वें शहर के सिविल और सत्र न्यायालय (सीसीएच) के निर्देश पर सदाशिव नगर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया। गोपालकृष्णन, आईआईएससी के पूर्व निदेशक बलराम और 16 अन्य लोगों पर आरोप है।
मामले में नामजद 16 लोगों में गोविंदन रंगराजन, श्रीधर वारियर, संध्या विश्वेश्वरैया, हरि के वी एस, दासप्पा, बलराम पी, हेमलता महिषी, चट्टोपाध्याय के, प्रदीप डी सावकर और मनोहरन शामिल हैं। आईआईएससी संकाय या क्रिस गोपालकृष्णन की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। शिकायतकर्ता दुर्गाप्पा, जो आदिवासी बोवी समुदाय से हैं, भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) में सतत प्रौद्योगिकी केंद्र में संकाय सदस्य थे। उन्होंने दावा किया कि 2014 में उन्हें हनी ट्रैप मामले में झूठा फंसाया गया और बाद में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।
उन्होंने आगे आरोप लगाया कि उन्हें जातिवादी दुर्व्यवहार और धमकियों का सामना करना पड़ा। कौन हैं क्रिस गोपालकृष्णन? क्रिस गोपालकृष्णन इन्फोसिस के सह-संस्थापकों में से एक हैं। उन्होंने 2011 से 2014 तक कंपनी के उपाध्यक्ष और 2007 से 2011 तक इन्फोसिस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक के रूप में कार्य किया। भारत सरकार ने जनवरी 2011 में गोपालकृष्णन को देश के तीसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया।