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पटना: केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के द्वारा एनडीए को दी गई धमकी ने बिहार की राजनीति में भूचाल ला दिया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा था, “अगर दिल्ली और झारखंड की तरह हमारे साथ व्यवहार बिहार में हुआ तो हम देख लेंगे।” इस बयान के बाद कांग्रेस ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने मांझी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा, “माझी जी का हाल वही होने वाला है जो भाजपा ने पशुपति पारस का किया।” उन्होंने कहा कि जीतन राम मांझी को अब यह समझना होगा कि उनका भविष्य क्या होगा, क्योंकि भाजपा बिहार विधानसभा चुनाव में भी उन्हीं के साथ वही खेल खेलने वाली है जो झारखंड और दिल्ली में हुआ।
राठौड़ ने मांझी को चेतावनी देते हुए कहा कि भाजपा के इरादे बहुत खतरनाक हैं और मांझी को भी अब सजग हो जाना चाहिए। उनका कहना था कि, “भाजपा और एनडीए ने मिलकर पहले ही सीटों का बटवारा कर लिया है, मांझी को यह अब तक नहीं पता। ये सब कुछ दिखाता है कि मांझी को दरकिनार करके ही इस बटवारे की योजना बनाई गई है।” राठौड़ ने यह भी कहा कि अब यह मांझी पर निर्भर करता है कि वह भाजपा के साथ रहकर खुद को बर्बाद करना चाहते हैं या फिर बचना चाहते हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा कि “सीटों का बटवारा अब हो चुका है, तो भाजपा को अब यह साफ करना होगा कि मांझी के झोली में कितनी सीटें आई हैं, उपेंद्र कुशवाहा को कितनी सीटें मिल रही हैं, और चीराग पासवान को कितनी सीटें दी गई हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि यह स्थिति पिछले विधानसभा चुनाव जैसी हो सकती है, जब भाजपा और जदयू ने मिलकर चीराग पासवान, उपेंद्र कुशवाहा और मांझी को किनारे कर दिया था।
राजेश राठौड़ ने भाजपा को ‘मगरमच्छ’ करार देते हुए कहा, “भाजपा सबको एक-एक करके खा जाएगी।” उन्होंने मांझी को सलाह दी कि उन्हें यह बात समझने की जरूरत है, क्योंकि भाजपा कभी भी किसी का भी साथ छोड़ सकती है। कांग्रेस के इस तीखे जवाब ने बिहार की राजनीतिक गलियारे में और भी अधिक हलचल मचाई है। यह स्पष्ट हो गया है कि केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी और भाजपा-एनडीए के बीच रिश्ते बहुत ज्यादा तनावपूर्ण होते जा रहे हैं, और आगामी चुनावों में इन रिश्तों का असर देखने को मिल सकता है।