Bihar Jamin Jamabandi:
सिटी पोस्ट लाइव : जमीन जामाबंदी को लेकर नीतीश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने सभी समाहर्ताओं को पत्र जारी कर अब अंचलाधिकारियों को लॉक जमाबंदी की जांच कर उसे लॉक या अनलॉक करने का अधिकार दे दिया है. लॉक जमाबंदी की जांच में अगर सरकार की जमीन शामिल होगी तो उसे रद करने की भी अंचलाधिकारी कार्रवाई कर सकेंगे.
डिजिटाइजेशन के बाद जो जमाबंदी बनी उसमें बड़ी संख्या में उसे लॉक कर दिया गया. इसमें शामिल जमीन की खरीद-बिक्री समेत सभी तरह की गतिविधियां बंद हो गईं. इसमें शामिल खेसरा को रोक सूची में शामिल कर दिया गया. 11 जिलों में करीब 21 लाख खेसरा रोक सूची में शामिल हैं.मुजफ्फरपुर में इस तरह के खेसरा की संख्या 1.10 लाख है. इन खेसरा की जमीन की खरीद-बिक्री बंद होने से रैयतों की परेशानी बढ़ गई. इसे देखते हुए डीसीएलआर (भूमि सुधार उप समाहर्ता) को लॉक जमाबंदी की जांच कर उसे लॉक या अनलॉक करने की शक्ति दी गई थी.
पहले अभियान चलाकर लॉक जमाबंदी की जांच की जा रही थी. समीक्षा में यह बात सामने आई कि अभियान जारी रहने पर भी प्रक्रिया लंबित है. सही ढंग से इसकी जांच भी नहीं की जा रही है.डीसीएलआर के स्तर से बताया गया कि रैयती भूमि की जमाबंदी के सृजन के साक्ष्य अंचल स्तर से मिलने में कठिनाई हो रही है. इसे देखते हुए विभाग ने पूर्व के पत्र को निरस्त कर दिया. साथ ही लॉक जमाबंदी की जांच की शक्ति डीसीएलआर की जगह सीओ को दे दी गई.जांच में लॉक जमाबंदी में सरकारी जमीन शामिल होने पर संबंधित रैयत को सुनवाई का अवसर दिया जाएगा. गलत जमाबंदी पाए जाने पर उसे रद करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, वहीं सही पाए जाने पर जमाबंदी को अनलॉक करने की भी कार्रवाई की जाएगी.