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बोकारो । शहर के सेक्टर 4 एलआईसी मैदान के सामने स्थित खेलाय चंडी मंदिर में पूजा अर्चना करने के लिए सुबह से ही भीड़ उमड़ पड़ी। मां चंडी के इस मंदिर में बंगला पंचाग के अनुसार माघ माह के पहले दिन प्रत्येक वर्ष विधिवत पूजा अर्चना की जाती रही है। इस संबंध में जनकारी देते हुए महुआर के राजा का बेटा कुंअर राजन ने बताया कि इस मंदिर के 10 फीट नीचे गर्भ गृह में मां चंडी की प्रतिमा आपरूपी है।
यहां पर प्रतिमा स्थापित नहीं की गई है बल्कि लगभग 300 वर्ष पूर्व से ही मां चंडी की पूजा अर्चना की जा रही है। प्रतिमा को देखने के बाद यहां पर मंदिर का निर्माण कर विधिवत पूजा अर्चना की जाने लगी। जिले का यह सबसे पुराना चंडी मंदिर होने के कारण लोग दूरदराज से यहां पर पूजा कर मन्नत मांगने आते हैं। मंदिर के पुजारी की ओर से सुबह में कलश स्थापना कर विधिवत पूजा अर्चना की गई। जिसमें फूल व फल समेत अन्य प्रसाद का भी चढ़ावा किया गया।
मन्नत पूरा होने पर देते हैं बलि
इस चंडी मंदिर में श्रद्धालुओं की ओर से मन्नत मांगने के बाद उसके पूरा होने पर दूसरे वर्ष यहां पर बकरा बलि देने की प्रथा है। जिसमें मंगलवार को पूजा अर्चना के बाद लगभग 150 बकरा पाठा का बलि दी गई। मन्नत पूरी होने पर श्रद्धालु पूरे भक्तिभाव के साथ पूजा अर्चना कर चढ़ावा भी चढ़ाते हैं। साथ में श्रद्धालुओं की ओर से जोड़ा नारियल का भी चढ़ावा किया जाता हैं। उन्होंने बताया कि किसी का तबियत खराब होने पर मंदिर के किनारे मिट्टी फेंकते हैं व किसी महिला का बच्चा नहीं होने पर मंदिर में खिलौना का चढ़ावा करते हैं। मंदिर के बाहर इस पूजा के अवसर पर मेला भी लगता है।