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पटना: जन सुराज के प्रमुख प्रशांत किशोर मेदांता अस्पताल से निकलने के बाद पहली बार आज सामने आए। छात्रों से मुलाकात की और मीडिया से भी मुखातिब हुए। प्रशांत किशोर ने बताया कि बिहार के राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद खान ने छात्रों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की पहल की है। वे छात्रों के प्रतिनिधिमंडल से मिलना चाहते हैं।
आज दो बजे 11 छात्रों का प्रतिनिधिमंडल राजभवन जाएगा और राज्यपाल से मुलाकात कर उन्हें अपनी मांगों के बारे में बताएगा। छात्रों के प्रतिनिधिमंडल के साथ पूर्व आईपीएस अधिकारी और जन सुराज के नेता आनंद मिश्रा भी जाएंगे।
राज्यपाल से मिलने जाने से पहले छात्रों और प्रशांत किशोर की बैठक हुई। बैठक के बाद प्रशांत किशोर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि छात्र कोई ऐसी मांग नहीं कर रहे हैं जिसे मानने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए, लेकिन यह दु:खद है कि मुख्यमंत्री बच्चों से मिलने के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं।
प्रशांत किशोर ने कहा कि मैं राज्यपाल को धन्यवाद देता हूं। स्वागत करता हूं कि उन्होंने पहल की और छात्रों को मिलने के लिए बुलाया। हालांकि, प्रशांत किशोर ने कहा कि मेरा आमरण अनशन जारी रहेगा।
हालांकि, प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ही, छात्रों ने उनसे आमरण अनशन खत्म करने की अपील की, लेकिन प्रशांत किशोर ने इसे यह कहकर टाल दिया कि मेरा अनशन बड़ा मुद्दा नहीं है। छात्रों की बात सुनी जाए, यह बड़ा मुद्दा है।
प्रशांत किशोर ने गंगा किनारे मरीन ड्राइव के नज़दीक पुलिस की ओर से जन सुराज के टेंट उखाड़ दिए जाने और सामान जब्त कर लिए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रशासन और सरकार को डर था कि अगर प्रशांत किशोर यहाँ आकर बैठ जाएँगे, तो फिर हज़ारों लोग यहां आ जाएंंगे, लेकिन हमारा हिंसा में कोई विश्वास नहीं है। हम बस इतना चाहते हैं कि छात्रों की बात सुनी जाए और जांच कराई जाए। हम कोई रीएग्ज़ाम कराने पर अड़े हुए हैं, ऐसा नहीं है।