सिटी पोस्ट लाइव : जन-सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर चुपके से मेदांता अस्पताल से शेखपुरा कोठी आज शाम अचानक पहुँच गये. उम्मीद थी कि प्रशांत किशोर अस्पताल से पूरी तैयारी के साथ निकलेगें. उनके साथ हजारों छात्र और जन-सुराजी होगें. अस्पताल से सीधे प्रशांत किशोर गांधी मैदान पहुचेंगें, लेकिन अचानक प्रशांत किशोर ने क्यों अपनी रणनीति बदल दी. क्यों चुपके से अस्पताल से शेखपुरा कोठी पहुँच गये.
ये चर्चा है कि पुलिस और आयोग की घेराबंदी की वजह से प्रशांत किशोर ने अपना कार्यक्रम बदल दिया है. आज ही बीपीएससी की तरफ से उन्हें नोटिस भेजा गया है. आयोग ने अपने अध्यक्ष के खिलाफ लगाए गये भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर सफाई मांगी है. माना जा रहा है कि BPSC के नोटिस के बाद ही प्रशांत किशोर ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है.
सूत्रों के अनुसार सरकार कानून के जरिये प्रशांत किशोर पर शिकंजा कसने की तैयारी में जुटी है. अब प्रशांत किशोर कानून के जानकारों और अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बंद कमरे में विचार विमर्श कर रहे हैं. जानेमाने अधिवक्ता उनकी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष वाई वी. गिरी कानून के दांव-पेंच से जन सुराज को बचायेंगे और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं-छात्रों के साथ विचार विमर्श कर प्रशांत किशोर अगले दो दिनों में कुछ बड़ा करेंगे.
सूत्रों के अनुसार बिहार के कोने-कोने से जन-सुराजी और छात्र पटना पहुँचने लगे हैं. आज गर्दनीबाग धरनास्थल पर कांग्रेस पार्टी के छात्र संगठन के नेता भी पहुँच गये थे. दो घंटे का मौन व्रत का पालन करते हुए उन्होंने धरना दिया. अब छात्रों की संख्या भी धीरे धीरे बढ़ने लगी है.
गौरतलब है कि प्रशांत किशोर जब अस्पताल में थे उनके ऊपर पुलिस कड़ी निगरानी रख रही थी. सादे लिवास में पुलिस अधिकारी अस्पताल में तैनात थे. कौन प्रशांत किशोर से मिल रहा है, सबी गतिविधियों पर निगरानी विभाग के अधिकारी नजर बनाए हुए थे. ऐसे में अस्पताल के पास छात्रों और जन-सुराजियों का जुटान संभव नहीं था.
इसबार प्रशांत किशोर अपना अगला कदम सोच समझ कर कानूनी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए आन्दोलन को आगे बढ़ायेंगे. अभी वो केवल रणनीतिकारों से ही मिल रहे हैं. मंथन कर रहे हैं ताकि आंदोलन शिथिल न पड़े. वैसे भी मामला पटना हाईकोर्ट में पहुँच चुका है. ऐसे में कोर्ट का फैसला आने से पहले प्रशांत किशोर कोई ऐसा कदम नहीं उठाना चाहते जिससे वो कोर्ट के निशाने पर आ जाएं।