अफीम की खेती छोड़ वानिकी से जुड़ें किसान : विधायक

Rahul
By Rahul

सिटी पोस्ट लाइव
लमटा/चतरा ।
वर्तमान समय में पुराने पद्धति को छोड़कर नई पद्धति से खेती कर अच्छा खास आमदनी करने की जानकारी देने के लिये किसानों के जागरूक किया गया। बताया गया कि नई तकनीकी से सब्जी का खेती करने से कम समय तथा कम खर्च में अच्छे खासे आमदनी होती है। वर्तमान समय पुराने पद्धति को छोड़कर नए पद्धति से खेती कर अच्छा खासा आमदनी करने की जानकारी दी गई। नई तकनीकी से सब्जी का खेती करने से कम समय तथा कम खर्च में अच्छे खासे आमदनी होती।

चतरा जिला अंतर्गत लाव लॉन्ग ब्लॉक के लमटा पंचायत सचिवालय में पांच दिवसीय राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना अंतर्गत प्रशिक्षण कार्यक्रम का आज समापन हो गया। इस अवसर पर सिमरिया विधानसभा के विधायक उज्जवल दास ने कहा कि अफीम की खेती से काफी नुकसान होता है, जमीन बंजर तो होता ही है, साथ-साथ आसपास के रहने वाले लोगों का स्वास्थ्य भी खराब होता है इसलिए वर्तमान युग में अफीम की खेती को छोड़कर वाणिकी कृषि से लोगों को जोड़ना चाहिए और देश का विकास करना चाहिए। उन्होंने महाराष्ट्र के पुणे शहर की चर्चा की जहां पर किसान संगठित होकर वाणिकी की खेती कर रहे हैं।

किसानों को आधुनिक युग के अनुसार समय के अनुरूप फसल उत्पादन के दौरान दवा और खाद का प्रयोग करना चाहिए बेकार की सामग्री से दूर रहना होगा । किसानों को आधुनिक तकनीक से कैसे खेती करना चाहिए उसे बताने और प्रशिक्षित करने के लिए हम लोग आए हुए हैं। इस संबंध लावा लॉन्ग प्रखंड के वीडियो विपिन कुमार ने कहा कि ग्रीनरी संस्था के द्वारा किसानों को जो प्रशिक्षण दिया गया आने वाले समय में बड़ा कारगर होगा। उन्होंने बताया कि खेती करने पर किसानों के दुगनी लाभ हो सकती है, सब्जी खेती में किसी तरह की बीमारी या कीड़ा लगने पर उसे कैसे उपचार किया जा सकता है, इसके बारे में बिस्तार से जानकारी दी।

सब्जी एवं उद्यान की खेती के व्यापक संभावनाओं को देखते हुए नई तकनीक अपनाने एवं व्यावसायिक खेती कर बेहतर जीवन यापन करने हेतु किसानो को प्रेरित किया। अंचल अधिकारी ने कहा कि खेती के लिए पांच तत्व जानने की आवश्यकता होती है जैसे की मिट्टी पानी और हवा कैसे काम कर रहा है। विदेश में भी आज इन्हीं सब बातों पर चर्चा की जा रही है और उसी का अनुरूप खेती उत्पादन किया जाता है।

ग्रीनरी संस्था के संस्थापक ओमप्रकाश गुप्ता ने कहा कि लमटा क्षेत्र के लिए यह एक कारगर होने वाला है। यहां के किसान जागरूक होंगे और खेती करके आत्मनिर्भर बनेंगे।वही ग्राम लमटा मुखिया अमित चौबे ने बताया कि प्रशिक्षण जो चल रहा है यहां किसानों के लिए सौभाग्य की विषय है। लावालोंग किसान बंधुओ से आग्रह किया के ध्यान पूर्वक से सीखे और लोगों के सीख कर खेती करने के लिए प्रेरित करें।

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