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बोकारो । झारखंड राज्य दफादार चौकीदार पंचायत शाखा बोकारो जिला कमिटी द्वारा 05 सूत्री मांगों को लेकर बोकारो समाहरणालय के सामने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया। जिसकी अध्यक्षता जिलाध्यक्ष राजेन्द्र कुमार पासवान ने की और इसका संचालन जिला सचिव शिवनाथ हजम ने किया । धरना प्रदर्शन में बतौर मुख्य अतिथि प्रदेश अध्यक्ष कृष्ण दयाल सिंह भाग लिए । 05 सूत्री मांग पत्र बोकारो उपायुक्त को सौंपा गया।
जिन मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया उनमें झारखंड चौकीदार संवर्ग नियमावली 2015 में उल्लेखित प्रावधानों केखिलाफ में बोकारो जिला में चौकीदारों के रिक्त पदों पर की गई अवैध नियुक्ति को जनहित और राज्यहित में तत्काल रद्द करना, ए सी पी/ एम ए सी पी का लाभ देना, लगभग दस वर्षों से बकाया वर्दी भत्ता का लाभ देना, माह के प्रथम सप्ताह में वेतन भुगतान करना। बैंक ड्यूटी डाक ड्यूटी कैदी स्कॉट रोड ड्यूटी और थाना में बैठ बेगारी कराने पर रोक लगाना और चौकीदारी मैनुअल के अनुसार ड्यूटी कराना प्रमुख है। धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष कृष्ण दयाल सिंह ने कहा कि बोकारो जिला में सेवा विमुक्त, एवजी और अनुकंपा के आधार पर चौकीदार दफादारों के रिक्त पदों पर की गई अवैध नियुक्ति तत्काल रद्द किया जाय।
सिंह ने बताया कि झारखण्ड चौकीदार संवर्ग नियमावली 2015 की कंडिका 2 में प्रावधान है कि बीट से अभिप्रेत है एक चौकीदार का कार्यक्षेत्र जिसमें 100 से120 आवासीय घरों का समूह होगा । कंडिका 4 में प्रावधान है कि नियुक्ति एवं प्रोन्नति हेतु राज्य सरकार द्वारा समय समय पर निर्धारित जिला स्तरीय आरक्षण लागू होगा और कंडिका 5 में प्रावधान है कि अभ्यर्थी को संबंधित बीट का स्थायी निवासी होना अनिवार्य होगा । श्री सिंह ने बताया कि झारखंड चौकीदार संवर्ग नियमावली 2015 में उल्लेखित उक्त प्रावधानों का अनुपालन बोकारो जिला के चौकीदार पद पर नियुक्ति में नहीं हुआ है।
चौकीदारों के रिक्त पदों पर नियुक्ति हेतु निकला गया विज्ञापन से पहले या बाद में100 से 120 आवासीय घरों पर बीट सृजित नहीं किया गया है। सफल अभ्यर्थियों को जिस बीट में चौकीदार के पद पर नियुक्त किया गया है उस बीट के स्थायी निवासी नहीं हैं । एक बीट में एक ही चौकीदार नियुक्त होंगे , लेकिन एक बीट में 01 से ज्यादा 34 चौकीदारों को नियुक्त किया गया है। एक बीट के अलावे नया बीट बोकारो जिला में नहीं बना है और ना ही एक बीट से ज्यादा पद और बल झारखंड कैबिनेट से स्वीकृत है ।
बीट के बाहर से चौकीदार के पद पर नियुक्ति करने से भारत की सबसे पुरानी प्रशासनिक व्यवस्था चौकीदारी व्यवस्था झारखंड से समाप्त हो जाएगी और इसका सीधा बूरा असर जनहित और राज्यहित पर पड़ेगा । उक्त उल्लेखित तथ्यों से स्पष्ट है कि बोकारो जिला में चौकीदारों की नियुक्ति में झारखण्ड चौकीदार संवर्ग नियमावली 2015 में उल्लेखित प्रावधानों का अनुपालन नहीं हुआ है । बोकारो जिला में चौकीदारों की नियुक्ति में अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग का आरक्षण शून्य कर दिया गया है जो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 15( 4) और 16( 4 ,5) का खुलम खुला उल्लंघन है ।
श्री सिंह ने झारखंड के माननीय मुख्य मंत्री श्री हेमंत सोरेन जी से मांग की है कि झारखंड में चौकीदारी व्यवस्था बचाने के लिए बोकारो जिला सहित जिन जिन जिलों में चौकीदारों के रिक्त पदों पर विज्ञापन निकालकर अवैध नियुक्ति की गई है उसको तत्काल रद्द करे और इसकी जाँच झारखंड विधान सभा की समिति से करावे और झारखंड के सेवा विमुक्त चौकीदारों को पुन: सेवा में वापिस करे और एवजी चौकीदारों को एक बार पूर्व नियुक्ति प्रक्रिया के अनुसार नियुक्ति करने का आदेश जारी करे । चौकीदार दफादारों का पद सार्वजनिक नहीं है, यह पद परंपरागत है ।
सार्वजनिक पद हेतु नया बीट सृजित करना होगा । झारखंड हाई कोर्ट और झारखंड सरकार ने झारखंड चौकीदार संवर्ग नियमावली 2015 के खिलाफ में बहाली करने का आदेश नहीं दिया है ।यदि15 दिन के अंदर में चौकीदारों की अवैध नियुक्ति रद्द नहीं हुई तो झारखंड राज्य दफादार चौकीदार पंचायत की ओर से झारखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की जाएगी ।
धरना प्रदर्शन की अध्यक्षता करते हुए जिलाध्यक्ष श्री राजेन्द्र कुमार पासवान ने कहा कि बोकारो जिला में अभी तक राज्य सरकार के आदेश के बाद भी ए सी पी/ एम ए सी पी का लाभ नहीं देना चौकीदार दफादारों के साथ घोर अन्याय है। श्री पासवान ने उपयुक्त से मांग की है की इस मामले में तत्काल कार्रवाई करे और चौकीदारी मैनुअल के अनुसार ही ड्यूटी करने का आदेश दे ।
धरना प्रदर्शन में मुख्य रूप से सर्वश्री विनोद गोप, प्रदीप ठाकुर,शिव चरण रजवार ,राजू अंसारी, रेवतलाल सिंह ,बंटी साहू ,महेश गोप, करमचंद रजक, धीरेन मंडल ,गणेश राय, अजीत राय , डॉ रजक ,करम घासी ,विजय कुमार दास, शंकर महतो गिरधारी करमाली ,राम प्रसाद फणीभूषण मंडल, रोहित ,विनोद कुमार आदि मुख्य रूप से शामिल थे ।