सिटी पोस्ट लाइव : जनसुराज पार्टी के नेता, प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी के तरीके को लेकर सवाल उठाने लगे हैं., बीपीएससी अभ्यर्थियों के PT परीक्षा के री-एग्जाम की मांग को लेकर अपने समर्थकों और अभ्यर्थियों के साथ यह अनशन पर बैठे प्रशांत किशोर को 6 जनवरी की सुबह पुलिस ने बलपूर्वक गिरफ्तार कर लिया. कोर्ट से मिली जमानत के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया. जनसुराज पार्टी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. पार्टी का आरोप है कि पुलिस ने प्रशांत किशोर को फंसाने की कोशिश की और गिरफ्तारी के दौरान नियमों की अनदेखी की.
पूर्व आईपीएस अधिकारी और जनसुराज पार्टी के नेता आनंद मिश्रा ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रशांत किशोर को ऐसे गिरफ्तार किया गया, मानो सिक्योरिटी फोर्स ने आतंकियों के कैम्प पर हमला किया हो. गिरफ्तारी के समय हर पुलिस वालों का नेम प्लेट उसकी वर्दी पर होना चाहिए. लेकिन वहां कई ऐसे अफसर थे जिन्होंने पहचान छिपा रखी थी. पटना पुलिस ने इतना अनप्रोफेशनल तरीका अपनाया.पूर्व IPS आनंद मिश्रा ने खुद के साथ हुए व्यवहार के बारे में आरोप लगाया कि ‘पुलिस ने मुझे भी अवैध तरीके से हिरासत में लेकर एक स्कॉर्पियो गाड़ी में बिठा दिया. उसमें बैठे पुलिसकर्मी अपना नाम भी नहीं बता रहे थे.’ आरोप है कि जब पूर्व IPS आनंद मिश्रा ने उन्हें बताया कि वो कौन हैं और उनके खिलाफ अवमानना का केस करेंगे, तब जाकर तीनों ने बताया कि वो सब इंस्पेक्टर थे.
आनंद मिश्रा ने यहां तक आरोप लगाया कि गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने प्रशांत किशोर को चप्पल तक नहीं पहनने दी. पूर्व IPS का आरोप है कि पटना पुलिस ने प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी के दौरान सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर और डीके बसु गाइडलाइंस तक को दरकिनार कर दिया. पूर्व IPS ने तो DGP से पुलिस को समुचित ट्रेनिंग देने तक का आग्रह कर दिया है.