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पटना: बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा को लेकर एक बड़ा आदेश जारी किया गया है। कैबिनेट सचिवालय ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अब से मुख्यमंत्री की प्रगति यात्रा में केवल अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव और सचिव ही शामिल होंगे। इसके अलावा, किसी भी अन्य स्तर के अधिकारी को यात्रा में शामिल होने की अनुमति नहीं होगी।
यह आदेश उस समय जारी किया गया जब यह देखा गया कि प्रगति यात्रा के दौरान अपर मुख्य सचिव और सचिव स्तर से नीचे के अधिकारियों की भी बड़ी संख्या शामिल हो रही थी। इस स्थिति पर संज्ञान लेते हुए कैबिनेट सचिवालय ने यह फैसला लिया है। कैबिनेट सचिवालय ने सभी संबंधित अधिकारियों को आदेश भेजते हुए कहा है कि किसी भी परिस्थिति में विभाग के सचिव से नीचे के अधिकारी यात्रा में भाग नहीं लेंगे। यह कदम मुख्यमंत्री की यात्रा को और प्रभावशाली बनाने और प्रशासनिक संरचना में अनुशासन बनाए रखने के उद्देश्य से उठाया गया है।
संगठनात्मक अनुशासन बनाए रखने और अधिकारियों की भूमिका स्पष्ट करने के लिए यह कदम जरूरी था। इससे सरकार के उच्च अधिकारियों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा और यात्रा को अधिक प्रभावी तरीके से लागू किया जाएगा। इस आदेश के बाद जहां प्रशासनिक अधिकारियों में हलचल मच गई है, वहीं कई लोग इसे मुख्यमंत्री की प्रगति यात्रा के लिए सही कदम मानते हैं। वहीं, विपक्षी पार्टी इस फैसले को लेकर सवाल उठा सकती है कि क्या यह वास्तव में प्रगति यात्रा को और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक सही कदम है या फिर कुछ अन्य उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है।