सिटी पोस्ट लाइव
जहानाबाद: नीतीश कुमार के शराबबंदी कानून को लेकर एक बड़ी चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें उत्पाद विभाग के अधिकारी और शराब तस्करों के बीच गठजोड़ का खुलासा हुआ है। वायरल हुए एक ऑडियो क्लिप में शराब तस्करों से बात करते हुए उत्पाद विभाग के अधिकारियों की बातचीत से यह मामला सामने आया है। इस ऑडियो में उत्पाद विभाग के अधिकारी शराब तस्करों से शराब की डील को लेकर बात करते हुए सुनाई दे रहे हैं, जिससे शराबबंदी के कानून की सख्तियत पर सवाल उठ रहे हैं।
काले कारोबार का खुलासा
ऑडियो क्लिप में उत्पाद विभाग के अधिकारी शराब के कारोबार को लेकर तस्करों से बातें कर रहे हैं। एक अधिकारी कहता है कि “आप मनोज को जानते हैं, वह 6 हजार ले रहा है, हम सब जानते हैं कि कौन-कौन कितना ले रहा है।” बातचीत में छापेमारी की बात भी की जा रही है, जिसमें यह कहा गया कि “साहब को बताएंगे, जहानाबाद का पूरा रिकॉर्ड निकालेंगे, अंग्रेजी शराब जो अब तक पकड़ी नहीं गई है।” यह सब सुनकर शराबबंदी के कानून की सख्ती पर सवाल उठ रहे हैं।
खलबली मच गई है
वायरल ऑडियो ने प्रशासन में खलबली मचा दी है। इस ऑडियो के सामने आने के बाद, डीएम अलंकृत पांडे और एक्साइज इंस्पेक्टर राजेश कुमार ने जांच के आदेश दिए हैं, लेकिन 24 घंटे बाद भी कोई ठोस कार्रवाई सामने नहीं आई है। इस मामले में शासन और प्रशासन की ओर से कोई स्पष्ट जवाब नहीं आया है। ऑडियो में शराब तस्कर से बातचीत में यह भी सुना जा सकता है कि शराब कारोबारी दिलीप से 32,000 रुपये लिया गया है, लेकिन वह पैसा अभी तक उत्पाद पुलिस के पास नहीं पहुंचा है। इसके साथ ही कुछ तस्करों के लिए विशेष छूट और रिलीफ देने की भी बात कही जा रही है, क्योंकि वे “सेवा करते रहते हैं”।
शराबबंदी के कानून पर सवाल
यह घटनाक्रम शराबबंदी कानून के लागू होने के बाद भी शराब के अवैध कारोबार को बढ़ावा देने वाले गठजोड़ को उजागर करता है। यह घटना उन लोगों के लिए एक बड़े झटके जैसी है जो शराबबंदी के कानून को सख्ती से लागू होते देखना चाहते थे। इस मामले ने एक बार फिर यह साबित किया है कि कानून की सख्ती और प्रशासन की पारदर्शिता पर सवाल उठने लगे हैं। वायरल ऑडियो ने समाज में गहरी नाराजगी पैदा कर दी है। लोग अब यह जानने को बेताब हैं कि प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करेगा और क्या शराबबंदी की सख्ती पर कोई असर पड़ेगा या यह केवल एक और प्रशासनिक घोटाला साबित होगा।