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पटना: जन सुराज प्रमुख प्रशांत किशोर ने कोर्ट के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए अपने समर्थकों से अपील की कि वे पुलिसकर्मियों के साथ अच्छा व्यवहार करें। प्रशांत किशोर ने कहा कि पुलिसकर्मियों की कोई गलती नहीं है। ये फ़ैसले नहीं लेते हैं। इन्हें जो हुक्म दिया जाता है, उसका इन्हें पालन करना होता है।
प्रशांत किशोर ने कहा कि लोगों में इस बात को लेकर आक्रोश है कि पुलिस ने उन्हें थप्पड़ मारा, लेकिन सच यह नहीं है। किसी पुलिसकर्मी ने मुझे जानबूझकर थप्पड़ नहीं मारा। जब पुलिस मुझे गांधी मैदान गिरफ़्तार करने आई, तो हमारे एक युवा समर्थक ने मेरा हाथ पकड़ लिया और न जाने की जिद करने लगा। पुलिस ने उसका हाथ छुड़ाने के लिए हाथ चलाया, लेकिन वह हाथ मुझे लग गया।
प्रशांत किशोर ने अपने समर्थकों से कहा कि पुलिसकर्मियों से अच्छा व्यवहार करें। उनका कोई कसूर नहीं। सारा कसूर नीतीश कुमार और बीजेपी की सरकार का है। ये पुलिसकर्मी बेचारे तो बस हुक्म मार रहे हैं। प्रशांत किशोर ने कहा कि इस सरकार को उखाड़ फेंकना है। प्रशांत किशोर ने एलान किया कि जेल में भी उनका आमरण अनशन जारी रहेगा।
हालांकि, प्रशांत किशोर ने पुलिस के प्रति अपनी नाराज़गी भी जताई। प्रशांत किशोर ने कहा कि पुलिस उन्हें लेकर एम्स गई। इसके बाद वहां उनकी जाँच करने से इनकार कर दिया गया। इसके बाद पुलिस एम्स से लेकर उन्हें चली गई। इधर-उधर घूमाती रही। प्रशांत किशोर ने पुलिस के प्रति नाराज़गी जताते हुए कहा कि मेरे बार-बार पूछने के बाद भी पुलिस ने मुझे नहीं बताया कि वे लोग मुझे कहां ले जा रहे हैं।
पहले कहा कि पीएमसीएच ले जाएंगे, फिर कहा कि एनएमसीएच ले जाएंगे। फिर फतुहा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर चले गए। वहां मेरे स्वास्थ्य की जांच कराने की कोशिश की, लेकिन मैंने मना कर दिया। इसके बाद मेरा वीडिया रिकॉर्ड कराया कि मैंने स्वास्थ्य जांच करने से मना कर दिया है। उन्होंने कहा कि पुलिस को ऐसा नहीं करना चाहिए था। मुझे अंधेरे में नहीं रखना चाहिए था, लेकिन पुलिस ने ऐसा किया, जो गलत है।