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पटना: बेउर जेल के अधीक्षक और जन सुराज पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक रहे नीरज कुमार पर आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की छापेमारी ने बिहार की राजनीति में तहलका मचा दिया है। छापेमारी के दौरान नीरज कुमार के ठिकानों से नकदी और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए हैं। इस मामले ने तब और तूल पकड़ा जब नीरज कुमार की एक तस्वीर प्रशांत किशोर के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो गई।
जेल अधीक्षक और नीरज कुमार की नजदीकियां
यह मामला तब उजागर हुआ जब पता चला कि नीरज कुमार की बेउर जेल के अधीक्षक बिधू कुमार से जान-पहचान मोतिहारी में हुई थी। यह परिचय धीरे-धीरे घनिष्ठता में बदल गया और अब यह रिश्ता सवालों के घेरे में है।
प्रशांत किशोर की बढ़ी मुश्किलें
एक तरफ प्रशांत किशोर जन सुराज के अभियान को लेकर आमरण अनशन पर हैं, वहीं दूसरी तरफ उनके करीबी माने जाने वाले नीरज कुमार के खिलाफ इस कार्रवाई ने उनकी पार्टी की छवि को झटका दिया है। प्रशांत किशोर के साथ वायरल हुई तस्वीर ने जनता और राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया है।
ईओयू की जांच में बड़ा खुलासा
आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने बेउर जेल अधीक्षक और नीरज कुमार के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान कई अनियमितताओं का खुलासा किया। जब्त नकदी और दस्तावेज इस बात की ओर इशारा करते हैं कि जेल अधीक्षक और नीरज कुमार के बीच कोई गहरा रिश्ता था, जिसे अब खंगाला जा रहा है। यह मामला केवल राजनीतिक हलचल का नहीं, बल्कि जनता के विश्वास और कानून-व्यवस्था पर गहरी चोट का है।