सिटी पोस्ट लाइव : 30 दिसंबर 2024 को हॉकी इंडिया ने हॉकी बिहार की मान्यता को रद्द कर दिया है. इससे राज्य में हॉकी के विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों को धक्का लगा है.मान्यता रद्द होने से बिहार के हॉकी खिलाड़ी खुश हैं. उनका कहना है कि यह उनके लिए नए साल का तोहफा है.हॉकी इंडिया की ओर से जारी लेटर में महासचिव भोलानाथ सिंह ने कहा है, ‘ 4 दिसंबर को हॉकी बिहार के अध्यक्ष श्रवण कुमार ने राजगीर में आयोजित एशियन महिला हॉकी चैंपियनशिप के आयोजन को लेकर कुछ शिकायत की थी. इस दौरान हॉकी बिहार के महासचिव मुश्ताक अहमद ने न तो अधिकारियों से मुलाकात की और न ही आयोजन में कोई विशेष सहयोग दिया.
हॉकी इंडिया की ओर से 12 दिसंबर को हॉकी बिहार को शोकॉज नोटिस भेजा गया था. इसमें 7 दिनों के भीतर जवाब मांगा गया था, लेकिन हॉकी बिहार ने कोई भी जवाब नहीं दिया. इसके बाद 30 दिसंबर को हॉकी इंडिया की ओर से बिहार हॉकी की मान्यता को रद्द कर दिया गया.नवंबर 2024 में बिहार के राजगीर में हुए वीमेंस एशियन हॉकी चैंपियंस ट्रॉफी के आयोजन के बाद यह दावा किया जा रहा था कि बिहार में खेल बुलंद हो रहा है.
हॉकी खिलाड़ियों का कहना है कि ‘हॉकी इंडिया ने जो आज फैसला लिया है वह बहुत पहले ले लेना चाहिए था. हॉकी बिहार में इतना करप्शन है कि वह हॉकी खिलाड़ियों के करियर के आड़े आ रहा था. खुशी की बात है कि मुश्ताक अहमद यहां से हटे, क्योंकि उनका हटाना बहुत जरूरी था. उनके रहते बिहार को हॉकी में कुछ नहीं मिला. उनके रहते हुए कभी भी हॉकी खिलाड़ियों को कोई भी सुविधा नहीं मिली संघ में जो महासचिव की ड्यूटी होती है, वह मुश्ताक अहमद ने पूरी नहीं की. इसके चलते बिहार हॉकी को बहुत नुकसान पहुंचा है.
बिहार हॉकी की मान्यता रद्द होने पर बिहार राज्य खेल प्राधिकरण (BSSA) के महानिदेशक रविंद्रन शंकरण ने कहा, ‘यह मामला हॉकी इंडिया और स्टेट एसोसिएशन के बीच की बात है. इसमें मेरा रोल कहीं नहीं है. हालांकि, इस फैसले के बाद बिहार के खिलाड़ियों पर पॉजिटिव असर ही पड़ेगा.हॉकी बिहार के महासचिव मुश्ताक अहमद पर CBI चार्ज लगे हैं. हॉकी इंडिया के पूर्व अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा के साथ उनका नाम भी FIR में था. 2022 में भ्रष्टाचार के कथित मामले में उनके खिलाफ प्राथमिक की दर्ज की गई थी. बत्रा के ऊपर हॉकी इंडिया के 35 लाख रुपए अपने निजी फायदे के लिए इस्तेमाल करने का आरोप था, जिसमें मुश्ताक ने भी साथ दिया था. हालांकि, 2024 में सबूतों के आभाव के कारण इस केस को बंद कर दिया गया.