प्रशांत किशोर के करीबी भी हुए उनसे निराश!

Deepak Sharma

सिटी पोस्ट लाइव

पटना: रविवार को गांधी मैदान से निकले मार्च के दौरान जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर का बीच मार्च को छोड़कर चले जाना जनसुराज के नेताओं और उनके करीबियों को भी नागवार गुजर रहा है। जनसुराज के कई नेताओं ने इस पर सवाल उठाए हैं। जनसुराज के वरिष्ठ नेता प्रोफ़ेसर विजय कुमार ने भी इशारों ही इशारों में इस पर चिंता जताई है और प्रशांत किशोर के इस फ़ैसले पर सवास उठाया है।

प्रोफ़ेसर विजय कुमार ने सिटी पोस्ट लाइव से खास बातचीत में कहा है कि छात्र-छात्राएं अगर अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे, तो यह कोई अशुभ संकेत नहीं है। छात्र-छात्राओं को पूरा हक है कि वे अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करें और सरकार से परीक्षाओं को निष्पक्ष तरीके से कराने की मांग करें। अब ऐसे में क्या इस पटना शहर में 100 ऐसे बुद्धीजीवी भी नहीं हैं, जो बच्चों को सही सलाह दें और उनके आंदोलन का नेतृत्व करें।

विजय कुमार ने सीधे-सीधे प्रशांत किशोर और जन सुराज का नाम तो नहीं लिया, लेकिन इशारों ही इशारों में कह दिया कि पार्टियां तो कई बनी हैं, लेकिन जनता के सवालों पर काम करने वाली पार्टी चाहिए। विजय कुमार बार-बार कहते रहे कि वे निराश नहीं हैं, लेकिन उनकी बातों से साफ़ झलका कि वे और उन जैसे दूसरे लोग जो बिहार बदलने का सपना लेकर जन सुराज के साथ जुड़े थे, वे जन सुराज और प्रशांत किशोर से निराश होने लगे हैं।

विजय कुमार ने कहा कि कुछ लोग उल्टी गंगा बहाने की कोशिश कर रहे हैं। अब प्रशांत किशोर कैसे उन लोगों को मनाते हैं जिन लोगों ने उनके आह्वान पर बिहार बदलने का सपना देखा और जन सुराज से जुड़ गए, यह तो प्रशांत किशोर को ही सोचना है, पर बीपीएससी अभ्यर्थियों के इस पूरे आंदोलन को प्रशांत किशोर ने जिस तरह से हैंडल किया उसे लेकर जन सुराजियों में गहरी निराशा है।


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