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पटना: बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन (बीपीएससी) के अभ्यर्थियों ने 6 दिनों से जारी अपने आमरण अनशन में स्थिति और गंभीर कर दी है। धरने पर बैठे अभ्यर्थियों की तबीयत बिगड़ने पर उनके साथी उनका इलाज कराने के लिए गर्दनीबाग अस्पताल में जाने के लिए मजबूर हो गए। उन्होंने अस्पताल का दरवाजा तोड़कर अभ्यर्थी को भर्ती कराया।
निर्दलीय सांसद पप्पू यादव भी इस संघर्ष में बीपीएससी छात्रों के समर्थन में खड़े हो गए। उन्होंने पटना के गर्दनीबाग धरना स्थल पर आकर छात्रों का हौंसला बढ़ाया और सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग की। पप्पू यादव ने कहा, “अगर बीपीएससी ने अभ्यर्थियों की मांग नहीं मानी, तो हम बीपीएससी ऑफिस के बाहर भी धरना देंगे। जब आप 13,000 छात्रों का री-एग्जाम ले रहे हैं, तो फिर सभी छात्रों का क्यों नहीं?” उन्होंने आगे कहा कि यह सिर्फ एक आयोग की बात नहीं, बल्कि चारों आयोग इस मामले में नाकाम साबित हो चुके हैं। पप्पू यादव ने यह भी कहा कि वह छात्रों के साथ पूरी तरह से खड़े हैं और उनके हक की लड़ाई लड़ेंगे।
वहीं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक भावनात्मक पत्र लिखते हुए बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की परीक्षा फिर से कराने की सख्त मांग की है। उन्होंने कहा कि बिहार सत्याग्रह में अनशन पर बैठे छात्रों की तबीयत लगातार बिगड़ रही है और बीते रात वे उनसे मिले थे। तेजस्वी यादव ने गंभीर चिंता जताते हुए कहा, “अगर इन छात्रों को कुछ हो जाता है, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी नीतीश सरकार और बीपीएससी के अध्यक्ष की होगी।”
तेजस्वी ने पत्र में कहा, “राज्य सरकार को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए और पूरे परीक्षा को रद्द करके फिर से परीक्षा करानी चाहिए। छात्रों की जान से बढ़कर कोई चीज़ नहीं है।” उनकी ये भावनाएं इस बात की ओर इशारा करती हैं कि अब केवल छात्रों की चिंता ही नहीं, बल्कि उनकी सुरक्षा भी प्राथमिकता होनी चाहिए।