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रोहतास। आज सासाराम में अखिल भारतीय खेत मजदूर किसान सभा के आह्वान पर किसानों ने अपनी मांगों को लेकर आक्रोशित होकर कलेक्ट्रेट के सामने केंद्र सरकार के वन जिला-वन खेती प्रस्ताव की प्रतियां जलाकर विरोध जताया। किसानों के इस गुस्से में साफ दिखाई दे रहा था कि वे अब और चुप नहीं बैठेंगे। आंसुओं और आक्रोश से भरे किसान सड़क पर उतरे और केंद्र सरकार के खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद की।
अखिल भारतीय खेत मजदूर सभा के प्रदेश सचिव अशोक ने कहा कि केंद्र सरकार का यह कदम किसानों के साथ विश्वासघात है। उन्होंने गहरी नाराजगी जताते हुए कहा कि इस योजना से किसानों की जिंदगी और मुश्किल होगी, न केवल उनका हक मारा जा रहा है, बल्कि उनका भविष्य भी अंधकारमय हो जाएगा। इसके विरोध में किसानों ने कलेक्ट्रेट के सामने प्रस्ताव की प्रतियां जलाकर इसे किसान विरोधी और गलत नीति करार दिया।
किसान मजदूर सभा के नेता जय शंकर शर्मा ने इस पर तीखा हमला करते हुए कहा, “केंद्र सरकार की यह नीति हमारे हक का अपमान है, यह हमें तबाह करने का एक और रास्ता है।” वहीं, अयोध्या राम ने कहा, “केंद्र सरकार ने हमें जो वादे किए थे, वे झूठे साबित हुए। सरकार किसानों के लिए कुछ नहीं कर रही, जबकि हम लगातार अपने खून-पसीने से देश को खाद्य सुरक्षा दे रहे हैं।”
किसानों का गुस्सा केवल वन जिला-वन खेती तक सीमित नहीं था, बल्कि यह उन तमाम मुद्दों पर था जिनसे वे पिछले कई सालों से जूझ रहे हैं। आक्रोशित किसानों का कहना था कि अगर यह नीति लागू हुई, तो उनकी रोजी-रोटी छिन जाएगी। यही वजह है कि सासाराम में किसानों का गुस्सा आसमान छूने लगा है और वे अपनी जंग लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।