नारी-मुक्ति से नारी-उत्थान पर हुई कार्यशाला

Rahul K
By Rahul K

सिटी पोस्ट लाइव
हजारीबाग ।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने नारी के विकास के लिए सर्वप्रथम नारी-मुक्ति की आवश्यकता को बताया था। अर्थात नारी के पास यह स्वतंत्रता विकसित हो कि वह स्वयं तय करें कि वह क्या बनना चाहती है और क्या करना चाहती है। उक्त बातें पटना के पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के प्रोफेसर पूनम कुमारी ने कही। वह विनोबा भावे विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित एक कार्यशाला को संबोधित कर रही थी। कार्यशाला की अध्यक्षता विभाग अध्यक्ष डॉ सुकल्याण मोइत्रा ने किया।

प्रोफेसर पूनम ने कहा की आज महिला सशक्तिकरण की खूब चर्चा होती है। यह महिला उत्थान का पश्चिमी मॉडल है। गांधी जी ने स्पष्ट किया बिना नारी-मुक्ति के नारी-उत्थान संभव नहीं है। भारत में पश्चिमी मॉडल से महिलाओं का सही अर्थ में उत्थान नहीं हो सकता है। दुर्भाग्य वश आज भारत में पश्चिम महिला उत्थान का नकल करने का होड दिखता है। इसमें नारी की स्वच्छंदता पर बहुत अधिक बल दिया गया है। यह खतरनाक हो सकता है।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए समाज विज्ञान संकाय के अध्यक्ष डॉ सादिक रज्जाक ने कहा कि आज पूरी दुनिया में गांधी के बताए सूत्र स्वीकार किए जा रहे हैं। परंतु अफसोस कि हमारे ही देश में गांधी उपेक्षित हो रहे हैं। कार्यशाला को संबोधित करते हुए संत कोलंबा महाविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ अशोक राम ने कहा की गांधी जी ने कभी नहीं कहा स्त्री और पुरुष समान है। ऐसा पश्चिम के एक्टिविस्ट कहते हैं।

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