एक्शन में हैं लालू यादव, तेजस्वी यादव से भी ज्यादा बटोर रहे हैं सुर्खियाँ.

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सिटी पोस्ट लाइव : आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव अपने बेटे तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिठाने के लिए ऐड़ी-छोटी का जोर लगा रहे हैं.लालू यादव लगातार किसी न किसी कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं.पिछले सप्ताह वो महुआ पहुँच गये थे.आज वो सासाराम निकल गये हैं.दरअसल, लालू यादव को इस बात का अहसाश है कि केवल माय समीकरण से बात नहीं बननेवाली.उनका जोर अति-पिछड़ा और दलित वोटरों को पार्टी से जोड़ने पर है.लालू यादव सासाराम के रोहतास में पासी समाज के  एक कार्यक्रम में भाग लेगें.लालू यादव इस कार्यक्रम के बहाने पासी समाज पर डोरा डालेगें.

रोहतास में पासी समाज के द्वारा एक बड़े सम्मेलन का आयोजन किया गया है. पासी समाज ने राजद सुप्रीमो लालू यादव को भी कार्यक्रम शामिल होने का निमंत्रण दिया है. सूत्रों के अनुसार किसी दलित नेता को प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी लालू यादव दे सकते हैं.शिवचंद्र राम को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है.गौरतलब है कि लालू यादव पहले ही कुशवाहा नेता औरंगाबाद के सांसद अभय कुशवाहा को बड़ी जिम्मेवारी दे चुके हैं.लालू यादव की कोशिश एनडीए के अति-पिछड़ा और दलित वोट बैंक में सेंधमारी की है.अगर उन्हें थोड़ी भी सफलता मिल गई तो बाजी पलट सकती है.पिछले विधान सभा चुनाव में आरजेडी महज कुछ हजार वोटों से सरकार बनाने से चूक गया था.एनडीए और महागठबंधन के वोट में आधा फीसदी से भी कम का अंतर था.केवल 15 और सीटें आ जातीं तो तेजस्वी यादव सीएम बन जाते.

आजकल लालू यादव राजनितिकरूप से बहुत सक्रीय नजर आ रहे हैं.पहले उन्होंने नीतीश कुमार के महिला संवाद यात्रा पर फिर अमित शाह पर विवादित बयान देकर सुर्खियाँ बटोर चुके हैं. बहुत दिनों बाद लालू यादव एक्शन में दिखाई दे रहे हैं.तेजस्वी यादव से ज्यादा सुर्खियाँ बटोर रहे हैं.पिछले विधान सभा चुनाव में उन्होंने ने ही मोहन भागवत के आरक्षण पर दिए गये एक बयान को हवा देकर चुनाव में कमाल दिखा दिया था.अगर कांग्रस पार्टी का प्रदर्शन ठीक रहता तो तेजस्वी यादव सीईम बन गये होते.इसबार लालू यादव ने कांग्रेस पार्टी को भी आँख दिखाना  शुरू कर दिया है.mamata बनर्जी को इंडिया गठबंधन की बागडोर सौंपने की मांग कर वो संकेत दे चुके हैं कि इसबार चुनाव में कांग्रेस को ज्यादा सीट देनेवाले नहीं हैं.

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